उत्तर प्रदेश के कानपुर से ऐसा मामला सामने आया है जिसने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। यहां यमुना पुल की मरम्मत के नाम पर एक शव वाहन को पुल से नहीं जाने दिया। जबकि विधायक की गाड़ी को उसी समय इस पुल से गुजने दिया।
एंबुलेंस को रोका और दे दिया BJP MLA की गाड़ी को रास्ता
कानपुर में यमुना पुल, मरम्मत के चलते हर हफ्ते दो दिन आम लोगों के लिए बंद रहता है। लेकिन शनिवार को एक युवक, जो अपनी मां का शव एंबुलेंस में लेकर जा रहा था उसे रोक दिया गया। लेकिन वीआईपी गाड़ी को इसी बंद पुल से रास्ता दे दिया गया। नियमों का हवाला देकर एंबुलेंस को पुल पार नहीं करने दिया गया।
एक किमी तक स्ट्रेचर पर मां के शव को ले गया बेटा
एंबुलेंस को पुल से ना जाने देने पर हुआ ये कि मजबूर बेटे ने स्ट्रेचर पर मां का शव रखकर पैदल ही करीब एक किलोमीटर तक पुल पार किया। जिसने भी ये मंजर देखा उसकी आंखें भर आईं। लेकिन पुल पर तैनात अफसरों को कोई फर्क नहीं पड़ा।
हंगामे के बाद जागा प्राशासन
घटना के बाद हंगामा मचने पर सरकार को घेरा गया। सवाल उठने लगे कि क्या ये बंदी सिर्फ आम लोगों के लिए है। मामला बढ़ने पर अब प्रशासन ने एक्शन लिया है। सरकार ने इस मामले में एक प्रोजेक्ट मैनेजर को फटकार लगाकर दो अधिकारियों को हटा दिया है। इसके साथ ही डीएम ने भी सख्त चेतावनी दी है कि अगली बार ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
पुल बंद है, शव लेकर मत आओ!
विधायक जी आ रहे हैं, फूल बिछाओ!हमीरपुर में यमुना पुल पर एक बेटे को अपनी मां का शव स्ट्रेचर पर एक किलोमीटर पैदल लेकर चलना पड़ा क्योंकि मरम्मत के लिए बंद पुल पर एंबुलेंस को जाने से रोक दिया गया।
अब सरकारी तंत्र की बेशर्मी देखिए- थोड़ी ही देर बाद पुलिस… pic.twitter.com/pg8Ersi9u4
— UP Congress (@INCUttarPradesh) June 29, 2025