हल्द्वानी। हरिद्वार में 2027 अर्द्धकुंभ मेले की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी 13 अखाड़ों के संतों से मुलाकात कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। अखाड़ों में चल रही रार के बीच यह महत्वपूर्ण बैठक सौहार्दपूर्ण रही, जिसमें सभी संतों ने पूर्व की आपत्तियों पर विराम लगाते हुए मेले के लिए सरकार को पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने संतों का सम्मान किया और बताया कि सरकार संत समाज के मार्गदर्शन में इस कुंभ मेले को दिव्य और भव्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

2027 का अर्द्धकुंभ मेला 13 जनवरी मकर संक्रांति से प्रारंभ होकर 20 अप्रैल तक चलेगा। कुल 97 दिनों के इस भव्य आयोजन में चार प्रमुख शाही स्नान होंगे, जिनमें पहला शाही स्नान 14 जनवरी को आयोजित होगा। ओम पुल से भव्य आतिशबाजी के बीच तिथियों की औपचारिक घोषणा भी की गई।

बैठक में गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, आईजी राजीव स्वरूप सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। इससे पहले, मेलाधिकारी और प्रशासनिक टीम ने सभी अखाड़ों, विशेषकर बैरागी, निर्मोही, निरंजनी और जूना अखाड़ों में जाकर संतों से संवाद स्थापित किया। संतों ने अर्धकुंभ को कुंभ का स्वरूप देने की पहल का स्वागत किया और कहा कि सरकार एवं अखाड़ों के समन्वय से यह आयोजन ऐतिहासिक रूप से सफल होगा।

डामकोठी आश्रम में भी मुख्यमंत्री ने जगद्गुरु से सुझाव लिए और व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने के लिए व्यापक चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सुझावों और संतों के आशीर्वाद से 2027 का कुंभ मेला आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और व्यवस्थागत रूप से उत्कृष्ट बनाया जाएगा।