देहरादून। उत्तराखंड की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने मंगलवार को उपनलकर्मियों को एक महत्वपूर्ण सौगात दी। सरकार ने उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (UPNL) के माध्यम से 12 वर्ष या उससे अधिक की निरंतर सेवा पूरी कर चुके कार्मिकों को *समान कार्य के लिए समान वेतन* देने का निर्णय लिया है। यह फैसला लंबे समय से जारी मांगों और उच्च न्यायालय के हालिया आदेश के बाद लिया गया है।

दरअसल, उत्तराखंड हाई कोर्ट ने 12 नवंबर को पारित आदेश में उपनल कर्मियों के वेतनमान पर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए थे। इसके बाद उपनल प्रतिनिधियों की मुख्यमंत्री धामी के साथ बैठक हुई, जिसके आधार पर शासन स्तर पर विचार-विमर्श के बाद यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।

सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र चौधरी ने उपनल के प्रबंध निदेशक को भेजे पत्र में स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों व संस्थानों में तैनात ऐसे कार्मिकों को, जिनकी सेवा 12 वर्ष या उससे अधिक हो चुकी है, न्यूनतम वेतनमान के साथ महंगाई भत्ता प्रदान किया जाएगा।

साथ ही, यह भी निर्देश दिया गया है कि अन्य उपनल कर्मियों को भी चरणबद्ध तरीके से समान कार्य-समान वेतन के सिद्धांत के अनुरूप लाभ दिया जाएगा। संबंधित आदेश शीघ्र जारी किए जाएंगे ताकि कार्मिकों को समयबद्ध तरीके से लाभ मिल सके।

सरकार के इस फैसले के बाद करीब एक पखवाड़े से नियमितीकरण और समान वेतनमान की मांग पर हड़ताल कर रहे लगभग 22 हजार उपनलकर्मियों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार उपनल कार्मिकों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है और उनकी दीर्घकालिक समस्याओं के समाधान के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं।