देहरादून। राज्य में बढ़ते वन्यजीव हमलों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त रुख अपनाया है। शनिवार को कैंप ऑफिस में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि वन्यजीवों के हमले में घायल होने वाले हर व्यक्ति के उपचार का पूरा खर्च उत्तराखंड सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी घायल को उपचार के लिए देरी न हो और सभी आवश्यक संसाधन समय पर उपलब्ध कराए जाएं।
उन्होंने प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु को निर्देश दिए कि घायलों के लिए निर्धारित मुआवजा राशि में भी बढ़ोतरी की जाए। वर्तमान में यह राशि 15 हजार से एक लाख रुपये तक है। सीएम ने कहा कि जंगलों से सटे क्षेत्रों में गुलदार, भालू और हाथियों की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
वन विभाग को ड्रोन, एनाइडर, कैमरा ट्रैप और अन्य निगरानी उपकरण खरीदने के लिए तत्काल 50 लाख रुपये जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि जरूरत पड़ने पर इस बजट में और वृद्धि की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक वन्यजीव हमलों में 40 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। राज्य के करीब 500 गांव इन दिनों गुलदार, भालू और हाथियों की सक्रियता से प्रभावित हैं, जिससे ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है।
सीएम धामी ने कहा कि सरकार आमजन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह जीव हत्या के खिलाफ हैं, लेकिन मानव जीवन की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अधिकारी पहले जानवरों को पकड़ने का प्रयास करें, लेकिन यदि स्थिति असामान्य हो जाए, तो संवेदनशील क्षेत्रों में नरभक्षी जानवरों को मारने की कार्रवाई भी की जा सकती है।
