वॉशिंगटन। अमेरिका ने बुधवार को भारत सहित छह देशों में स्थित 32 कंपनियों और व्यक्तियों पर नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। यह कार्रवाई रूसी तेल व्यापार से जुड़ी नहीं है, बल्कि कथित रूप से ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन (यूएवी) उत्पादन में सहयोग देने के आरोपों के तहत की गई है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, इन कंपनियों और व्यक्तियों ने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की ओर से ईरान के मिसाइल और मानव रहित हवाई वाहन निर्माण से जुड़े कई खरीद नेटवर्क संचालित किए। मंत्रालय ने बताया कि प्रतिबंधित संस्थाओं में भारत, चीन, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की और एक अन्य देश की कंपनियां और व्यक्ति शामिल हैं।
अमेरिका का कहना है कि यह कदम ईरान के मिसाइल और पारंपरिक हथियारों के विकास को रोकने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीति के अनुरूप है। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि यह कार्रवाई ईरान की उन गतिविधियों के खिलाफ है जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा पैदा करती हैं।
अमेरिकी वित्त मंत्रालय के आतंकवाद एवं वित्तीय खुफिया विभाग के सचिव जॉन के. हर्ले ने कहा, “ईरान धनशोधन और वैश्विक वित्तीय प्रणालियों के दुरुपयोग के जरिए अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर अमेरिका ईरान पर उसके परमाणु खतरे को समाप्त करने के लिए “अधिकतम दबाव” बनाए रखेगा।
इन प्रतिबंधों के तहत संबंधित कंपनियों और व्यक्तियों की अमेरिकी संपत्तियां फ्रीज की जा सकती हैं, और अमेरिकी नागरिकों को उनके साथ किसी भी प्रकार के लेनदेन की अनुमति नहीं होगी।
