देहरादून। नकली दवाएं बनाकर बाजार में बेचने वाले अंतरराज्यीय रैकेट की जांच में उत्तराखंड एसटीएफ को बड़ा सुराग मिला है। जांच में हरियाणा के पानीपत स्थित साईं फार्मा नामक फर्म के बैंक खाते में 13 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेनदेन का खुलासा हुआ है। यह फर्म बिना जीएसटी नंबर और ड्रग लाइसेंस के चलाई जा रही थी।
एसटीएफ के एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर के अनुसार, अब तक इस रैकेट से जुड़े 12 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। ताजा मामले में छह लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें फर्म संचालक प्रदीप कुमार और उनकी पत्नी श्रुति (पानीपत निवासी) के अलावा शोभा त्यागी, गौरव त्यागी (रुड़की), अनुराधा और अभिनव शर्मा (हरिद्वार) शामिल हैं।
जांच में सामने आया कि प्रदीप कुमार ने अपनी पत्नी के नाम पर साईं फार्मा फर्म खोली थी। वह और आरोपी नवीन बंसल मिलकर दून के सेलाकुई क्षेत्र में नकली दवाओं के बॉक्स और रैपर बनवाते थे। हिमाचल प्रदेश के बद्दी में एल्यूमिनियम फॉयल तैयार कराई जाती थी, जबकि देहरादून और हरिद्वार की फैक्ट्रियों में दवाओं की पैकिंग की जाती थी।
एसटीएफ के अनुसार, इन नकली दवाओं की सप्लाई उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा सहित छह राज्यों में की गई। इसके लिए पंचकूला स्थित नोबल फार्मेसी की एंबुलेंस का इस्तेमाल किया जाता था।
जांच में यह भी सामने आया कि साईं फार्मा के अलावा रैकेट से जुड़े अन्य बैंक खातों में भी भारी रकम का लेनदेन हुआ है। एसटीएफ ने सभी खातों की जांच शुरू कर दी है और रकम जमा करने वालों से जल्द पूछताछ की जाएगी।
