चेन्नई। कोल्ड्रिफ कफ सिरप से कई बच्चों की मौत के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने श्रीसन फार्मा के चेन्नई स्थित ठिकानों के साथ ही तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के आवासों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है।
सूत्रों के अनुसार, जिन ठिकानों पर छापेमारी की गई है, उनमें तमिलनाडु औषधि नियंत्रण कार्यालय (ड्रग कंट्रोल विभाग) के शीर्ष अधिकारियों के आवास भी शामिल हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि कंपनी और विभागीय अधिकारियों के बीच मिलीभगत के संकेत मिले हैं।
श्रीसन फार्मा के मालिक जी. रंगनाथन की हो चुकी है गिरफ्तारी
कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से मध्य प्रदेश और राजस्थान में हाल के दिनों में 20 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। जांच में सामने आया कि मौत का कारण बच्चों की किडनी फेल होना था। यह सिरप श्रीसन फार्मा कंपनी द्वारा बनाया गया था। इसी मामले में कंपनी के 73 वर्षीय मालिक जी. रंगनाथन को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में खुलासा हुआ कि श्रीसन फार्मा और तमिलनाडु खाद्य एवं औषधि प्रशासन (टीएनएफडीए) दोनों ने दवा निर्माण के निर्धारित मानकों का गंभीर उल्लंघन किया था। रिपोर्ट में खराब बुनियादी ढांचा, सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी और गुणवत्ता नियंत्रण में भारी लापरवाही सामने आई।
कफ सिरप में मिली डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की घातक मात्रा
फॉरेंसिक जांच में कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की घातक मात्रा पाई गई यह वही रसायन है जो आमतौर पर एंटीफ्रीज में उपयोग किया जाता है और कई राज्यों में प्रतिबंधित है। माना जा रहा है कि इसी जहरीले तत्व के कारण बच्चों की किडनी फेल हुई। बताया गया कि बच्चों को हल्की खांसी और बुखार के लिए यह सिरप दिया गया था, जिसके सेवन के बाद उनकी हालत बिगड़ गई। ईडी की यह कार्रवाई अब इस पूरे मामले में नए खुलासों की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।