उत्तराखंड-में-बच्चे-हो-रहे-लापता

उत्तराखंड में बीते कई दिनों से बच्चों के लापता होने की खबरें सामने आ रही हैं। सोशल मीडिया पर ये चर्चाओं का विषय बन गया है। लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि बच्चे जा कहां रहे हैं ?, इसी बीच राजधानी देहरादून से हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। बीते दो महीने में देहरादून से 97 बच्चे लापता हुए। जिसमें से पुलिस ने 87 को बरामद कर लिया है। जबकि 11 बच्चे अब भी लापता हैं।

राजधानी दून से 2 महीने में लापता हुए 97 बच्चे

देहरादून में पिछले दो महीनों में पुलिस के पास 97 नाबालिगों के लापता होने के मामले आए। जिसमें पुलिस ने अलग-अलग टीमें बनाकर 87 नाबालिगों को बरामद कर लिया है। इन लापता नाबालिगों को दिल्ली, मुंबई, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से बरामद किया गया है। जबकि कुछ बच्चे अभी भी लापता हैं।

क्यों लापता हो रहे हैं नाबालिग ?

नाबालिग बच्चों से घर से लापता होने या भागने के अलग-अलग कारण सामने आए हैं। गुमशुदा नाबालिगों के घर से भाग जाने का सबसे बड़ा कारण परिजनों के डांटने या बात न मानने पर नाराज होकर जाना सामने आया है। आजकल की चकाचौंध भरी सोशल मीडिया की दुनिया को देख बच्चे बहक रहे हैं।

सोशल मीडिया का इन्फ्लूएंसर्स और वर्चुअल दुनिया के बहकावे में आकर बच्चे घर छोड़कर जा रहे हैं। देहरादून जिले में लापता हुए बच्चों में से सकुशल बरामद किए गए 87 बच्चों से पूछताछ में सामने आया है कि 62 नाबालिग अपने परिजनों के डांटने से नाराज होकर घर छोड़कर चले गए। जबकि 24 ऐसे मामले थे कि जहां किशोर और किशोरियां बिना बताए घूमने या सोशल मीडिया के इन्फ्लूएंस में आकर कहीं जाने की जानकारी मिली।

 

सोशल मीडिया पर लोगों के बहकावे में आ रहीं बच्चियां

बच्चों के लापता होने के मामले में सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है कि नाबालिग बच्चियां सोशल मीडिया पर लोगों के बहकावे में आकर भी अपना घर छोड़ रही हैं। दून में  11 नाबालिगों को किसी अन्य व्यक्ति की ओर से बहला फुसलाकर अपने साथ ले जाने की जानकारी सामने आई है। पुलिस सभी मामलों मं मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा है। इसके साथ ही पुलिस ने घर से नाराज होकर या परिजनों की डांट से नाराज होकर भागने वाले बच्चों को बच्चों के साथ-साथ उनके परिजनों की काउंसलिंग कराई। पुलिस नेअभिभावकों को बच्चों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहने के लिए समझाया।