बेंगलुरु में निजी कंपनी के उप महाप्रबंधक अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले का सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने अतुल और उनके परिवार के खिलाफ दीवानी न्यायालय में चल रहे सभी मुकदमों की फाइल तलब की है।
अतुल ने सुसाइड नोट में भ्रष्टाचार और उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उसने लिखा कि उसकी पत्नी निकिता और उसके परिवार ने दहेज के लिए प्रताड़ित किया, जिससे उसके पिता की मौत हो गई। अतुल ने कोर्ट में कहा कि वह 40 लाख रुपये सालाना कमाता था, तो 10 लाख रुपये क्यों मांगेगा।
अतुल के वकील अवधेश तिवारी ने बताया कि हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ दाखिल सभी मुकदमों का रिकॉर्ड मांगा है। निकिता के चाचा सुशील ने आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। अतुल ने अपनी मौत से पहले राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट को मेल भेजकर न्याय की मांग की थी। अतुल ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि निकिता के सभी आरोप झूठे हैं।
अप्रैल 2022 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर में निकिता ने अतुल और उसके परिवार के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई थी। बंगलुरु में इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में अब निकिता का पक्ष सामने आया है। निकिता ने आरोप लगाया था कि अतुल और उसके परिवार ने दहेज के लिए उसे प्रताड़ित किया, जिससे उसके पिता का निधन हुआ। अतुल ने अपने सुसाइड नोट में इन आरोपों का खंडन किया है।
अतुल की आत्महत्या के मामले में निकिता, उसकी मां निशा, भाई अनुराग और चाचा सुशील सिंघानिया को आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर में इन सभी से पूछताछ के लिए एक टीम भेजी है।
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