शंखनाद INDIA / मोबाइल पर ऑनलाइन गेम बच्चों के लिए कितना खतरनाक हो सकता हैं। यह कल देहरादून की एक धटना ने सोचने पर मजबूर कर दिया है। मोबाइल के जितने फायदे है। उतने ही नुकसान भी। कही आपका बच्चा मोबाइल के साथ -साथ दूसरी दुनिया में तो नहीं जा रहा है। एक तरफ ऑनलाइन क्लास दूसरी तरफ मोबाइल। डाॅक्टर भी कहते है कि कम आयु के बच्चों के लिए मोबाइल देना घातक हैं। जहां एक तरफ सरकार ऑनलाइन क्लास को बढ़ावा दे रही है वहीं आपके बच्चों के लिए यह मोबाइल कितना खतरनाक हो सकता है। इस देहरादून की घटना से पता चलता है कि अभिभावन को अपने बच्चों पर निगरानी रखने की जरूरत है कहीं आपका बच्चा इस दिशा में तो नहीं जा रहा है।
नेहरू काॅलोनी क्षेत्र में सरेराह महिला को सिर पर हथौड़ी और चाकू से हमला कर घायल कर दिया गया। प्रांरभिक जांच में मामला ऑनलाइन टास्क गेम से जुड़ा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। पुलिस के हाथ लगी आॅनलाइल गेमिंग चैट के आधार पर बताया जा रहा है कि टास्क पूरा करने के लिए किसी शख्स ने यह वारदात की। पुलिस इस घटना को सोमवार शाम से लापता एक छात्र का पता नहीं चल जाता, तब तक स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है।
स्वर्ण गंगा एनक्लेव में रहने वाली ज्योति नेगी पर सोमवार रात करीब साढे़ आठ बजे अज्ञात शख्त ने हमला कर दिया था। उस वक्त ज्योति काॅलोनी की सड़क पर टहल रही थी। उनके पति सिद्धार्थ आहलुवालिया करीब 100 मीटर दूर स्थित एक दुकान पर दूध लेने गए हुए थे। नेहरू काॅलोनी थाने में दर्ज शिकायत में सिद्धार्थ ने बताया कि अज्ञात शख्त ने ज्योति पर हथौड़ी और चाकू से हमला किया। पुलिस के अनुसार, घटनास्थल से एक प्रोजेक्ट फाइल हथौड़ी और सब्जी काटने वाला चाकू बरामद हुआ है। घायल ज्योति ने बताया कि हमलावर ने उसके सिर की पिछली तरफ प्रहार किया और अंधेरा होने के चलते वह उसे देख नहीं पाई। वहीं, मंगलवार को इस मामलें ने उस वक्त नया मोड़ ले लिया, जब पुलिस को स्थानीय नाबालिग छात्र के सोमवार शाम से लापता होने की जानकारी मिली। घटनास्थल से मिली प्रोजेक्ट इसी छात्र की बताई जा रही है। पुलिस से नए सिरे से जांच को आगे बढ़ाया तो कड़ियां ऑनलाइन गेम टास्क से जुड़ने लगीं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाॅ. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया, प्रांरभिक जांच में सामने आया है कि लापता बच्चा अपने घर के किसी अन्य सदस्य और दोस्त का मोबाइल इस्तेमाल कर रहा था। उस पर मिली ऑनलाइन गेम चैट से पता चल रहा है कि वह टास्क पूरा करने के लिए बुरी तरह फंस गया था चैट का यह अंदाजा लगाया जा रहा है। कि उसने टास्क पूरा करने के लिए यह घटना की। पुलिस कप्तान ने बताया कि बच्चे का अभी कुछ पता नहीं चल पा रहा है। उसकी तलाश की जा रही है। उसके सामने आने पर ही असल कहानी पता चलेगी। साथ ही यह भी जानकारी मिलेगी। कि सइ गेम मे उनके साथ कौन-कौन जुड़ा हुआ था और उसे गेम खिलवाने वाला शख्त कौन है।
इन खतरनाक गेम से बच्चों को बचाएं
द ब्लू व्हेल चैलेंज: इस गेम में 50 टास्क पूरे करने होते है। इसमें खुद को नुकसान पहुंचाने से लेकर डरावने वीडियों देखना, रात को दौ-तीन बजे तक जागना आदि शामिल होता है। गेम के अंतिम चरण में खेलने वाले को सुसाइड करना होता है और उसके प्रमाण भी भेजने होते है।
द पावआउट चैलेंज : इसे चेकिंग(दम घुटना) गेम के नाम से भी जाना जाता है। यह गेम युवाओं के बीच खासा लोकप्रिय हो चुका है। गेम में ज्यादा स्कोर हासिल करने के लिए सांस रोकनी होती है। गेम को इस तरह डिजाइन किया गया है। कि बच्चे ऐसा करने को विवश होते है। इसमें बच्चों की जान तक जा सकती है।
द साल्ट एंड आइस चैलेंज: इस गेम में यूजर को अपनी त्वचा के ऊपर नमक डालने के बाद वहां बर्फ रखनी होती हैं। नमक बर्फ के तापमान को बेहद कम कर देता है। इससे त्वचा संबंधी कई रोग हो सकते है।
द फायर चैलेंज: इस गेम में यूजर को अपने शरीर में आग लगानी होती है। यह काम किसी ज्वलनशील पदार्थ से करना होता है। इसी गेम के फेर में न्यूयाॅर्क शहर के एक लड़के के अपनी जान गंवा दी थी।
द कटिंग चैलेज: यह गेम खुद के शरीर में घाव करने के लिए उकसाता है। इसके फोटो भी अपलोड करने होते है। बच्चों को लगता है कि ऐसा करने से वह पाॅपुलर हो रहे है, मगर हकीकत में वह समझ नहीं पाते कि यह कितना जानलेवा हो सकता है।