वर्ष 2018 में स्वीकृत बोरगाड-चौड़-कोटियाणा सड़क स्वीकृति के बाद से ही विवादों की वजह से कट नहीं पा रही है ,दरसल लगभग 4 करोड़ की लागत से बनने वाली इस साढ़े तीन किमी सड़क को शुरू में बोरागाड चौड़ के 50 मीटर आगे सोबन राम बैंड से होना था लेकिन भूगर्भीय सर्वे में यहां पर भूस्खलन संभावित क्षेत्र और सेंसेटिव बताते हुए यहां से सड़क का निर्माण प्रारम्भ कराने की बजाय इसका सर्वे कोटड़ा घटपुल से किया गया लेकिन कोटड़ा के अम्बेडकर ग्राम के अनुसूचित जाति के लोगो ने पुरानी सर्वे से ही सड़क का निर्माण प्रारम्भ करने की मांग की है ग्रामीणों का कहना है कि पुरानी सर्वे से इतर सड़क ले जाये जाने से कोटेडा के अम्बेडकर ग्राम के ग्रामीणों को लंबी दूरी नापनी पड़ेगी जबकि पुरानी सर्वे से सड़क ले जाने पर महज डेढ़ किमी की दूरी पर सड़क से गांव जुड़ सकते हैं
अपनी इसी मांग को लेकर ग्रामीणों ने तहसील मुख्यालय पहुंचकर पीएमजीएसवाई के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी वहीं ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए उपजिलाधिकारी थराली अबरार अहमद ने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया जिस पर पीएमजीएसवाई के सहायक धीरेंद्र भंडारी ने मौके धरनास्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों से वार्ता कर ग्रामीणो को समझाया ,वहीं उपजिलाधिकारी थराली अबरार अहमद ने एक सप्ताह के भीतर सड़क निर्माण से जुड़ी पत्रावली उनके सम्मुख लाने के निर्देश पीएमजीएसवाई को दिए ताकि ग्रामीणों और विभाग के बीच आपसी सहमति से सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जा सके।

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