Uttrakhand Special : सरकार कहती है कि हमने शिकायतों समस्याओं के समाधान के लिए सी एम हेल्पलाइन 1905, 1064 आदि अनेक कारखाने स्थापित किये हैं,लेकिन यहाँ तो वन पंचायत सरपंच द्वारी विनोद मैन्दोला व उसके गाँव की 1200 आबादी वाले ग्रामीण दो साल से अधिशासी अभियन्ता निर्माण शाखा पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम पौड़ी,अधिशासी अभियन्ता निर्माण शाखा उत्तराखंड पेयजल निगम कोटद्वार,मुख्य मंत्री हेल्पलाइन,प्रधान मंत्री कार्यालय आदि जगह गुहार लगा चुके हैं कि हमारी पेयजल पाइपलाइन बदल दीजिए,लेकिन आजतक कोई झांकने तक नहीं आया।आता भी क्यों? जैसा राजा वैसी प्रजा।

रिखणीखाल प्रखंड के ग्राम द्वारी में पेयजल पाइपलाइन सन 1972/73 में बिछायी गयी थी जो कि इन पच्चास सालों में जर्जर व बुरी तरह जंक सड़ गल चुकी है।जिससे जगह जगह पानी लीकेज होता रहता है तथा रिसने से गाँव वालों के हलक नहीं बुझा पा रहा है।इस गाँव के लिए तो मोदी जी की अमृत पेयजल योजना ” जल जीवन मिशन” भी गायब है।इस ग्राम पंचायत में 169 परिवार है लेकिन पानी के लिए नवोला में जाना है जो कि खड़ी चढाई है।

इस प्यासे गाँव में एक राजकीय इन्टर कॉलेज लगभग 350 छात्र संख्या व 20 स्टाफ,एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय,एक राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,एक ए एन एम केंद्र आदि संस्थान हैं जो कि कयी सालों से पानी ढोते ढोते चुफा भी खुरस गया है।ये कर्मचारी भी पेयजल दिक्कत के कारण इन संस्थानों में रहने को खुश नहीं है,स्थानांतरण आने को कतराते हैं।

क्या सरकार इस गाँव की पेयजल समस्या का नवीनीकरण,पुनर्निर्माण करने का प्रयास करेगी या आन्दोलन का रास्ता अपनाने को विवश करेगी?