विधानसभा का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, 28 घंटे 25 मिनट चला बजट सत्र, विपक्ष के हंगामे के बीच सदन अनिश्चितकालीन के लिए किया गया स्थगित।
.उत्तराखंड विधानसभा में विनियोग विधेयक पास कराने के साथ ही विधानसभा के बजट सत्र कोअनिश्चितकालUttarakhand Assembly session adjourned indefinitely के लिए स्थगित कर दिया गया है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने संख्या बल के आधार पर संसदीय परंपराओं की अनदेखी की है और विपक्ष की आवाज को दबा कर सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। विपक्ष का कहना है कि उत्तराखंड के इतिहास में यह पहला मौका है जब राज्यपाल के अभिभाषण पर नेता सदन का धन्यवाद उद्बोधन नहीं हुआ और उसके बाद बिना चर्चा के ही विनियोग विधेयक को पास कर लिया गया और ना ही विनियोग विधेयक पर नेता सदन ने विधानसभा में कोई बयान दिया।
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण ने कहा कि विपक्ष का जो आरोप है वह सही नहीं है जो लोग सदन में थे उनको पूरा-पूरा मौका दिया गया। पिछले चार दिन से उनकी सभी सूचनाओं को सुना गया और सब पर विस्तार से चर्चा का मौका दिया गया। वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष जो आरोप लगा रहा है वह पूरी तरह से निराधार है। संसदीय परंपराओं के तहत ही सारे कार्य किए गए और विपक्ष ही नहीं चाहता कि सदन शांतिपूर्ण तरीके से चले।
28 घंटे 25 मिनट चला बजट सत्र
उत्तराखण्ड़ विधानसभा का पंचम विधानसभा का प्रथम सत्र आज 29 फरवरी 2024 को विधायी कार्य व बजट पारित होने के पश्चात अनिश्चित काल के स्थगित करने की घोषणा विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने की। सत्र के दौरान कुल प्राप्त अल्पसूचित प्रश्न- 45, कुल प्राप्त तारांकित प्रश्न/अतारांकित प्रश्न 256, नियम 40 (2) के अन्तर्गत स्वीकार – 3, कुल – 304 प्रश्न स्वीकार हुये। अध्यक्ष खण्डूडी ने कहा कि पंचम विधानसभा का प्रथम सत्र दिनांक 26 फरवरी 2024 से प्रराम्भ होकर 29 फरवरी 2024 को समाप्त हुआ। जिसमें कुल 28 घण्टे 25 मिन्ट का बीजनेस सरकार ने दिया।
विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र को सुचारू रुप से संचालित करते हुये पीठ से बिना उठे रिकार्ड 8 घन्टे 30 मिन्ट तक सत्र का लगातार संचालन किया। दिनांक 28 फरवरी को रात्रि 11:00 बजकर 40 मीन्ट तक निर्बाध सत्र संचालित हुआ। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विनयोग विधेयक सहित छ: (6) विधेयक पारित हुए।राज्यपाल के सन्देश सहित पुनर्विचार हेतु प्राप्त दो (2) विधेयक सदन के पटल पर रखे गये । साथ ही छ: (6) याचिका स्वीकार हुई। नियम- 300 की 61 सूचनाऐं , नियम -52 की 39 सूचनाऐं , नियम 58 की 18, नियम 310 की 01 सुचनाऐं प्राप्त हुई।