उत्तराखंड में अगले साल आठ मार्च (8 March) को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (international women’s day) के दिन राज्य महिला नीति को जारी किया जाएगा। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने महिला नीति (women policy draft)के ड्राफ्ट पर सचिवालय मेें अधिकारियों की बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहा कि इसके ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अगले 21 दिन तक कई माध्यमों से इस संबंध में जनता से सुझाव लिए जाएंगे। 

प्रदेश में पहली बार महिलाओं के लिए नीति बनने जा रही है। राज्य महिला आयोग की ओर से इसका ड्राफ्ट तैयार किया गया है। बृहस्पतिवार को सचिवालय में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के साथ ही कई विभागों के सचिवों व अफसरों संग हुई बैठक के बाद आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल (kusum kandwal) ने कहा कि कई विभागों और सामाजिक संगठनों के सहयोग से ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। खासकर पहाड़ की महिलाओं को केंद्र में लेते हुए ड्राफ्ट को तैयार किया गया है। कहा कि महिला नीति में एकल महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था करने पर जोर दिया गया है।

एकल महिलाओं के संगठनों को ब्लॉक और जिला स्तर पर मजबूती देने के लिए कई योजनाएं प्रस्तावित है। इंदिरा आवास योजना और मनरेगा (Indira Awas Yojana and MNREG) में भी एकल महिलाओं के लिए कुछ फीसदी आरक्षण की व्यवस्था का प्रस्ताव है। बैठक में सचिव हरिचंद सेमवाल, प्रभारी सचिव आर राजेश कुमार, एडीजी वी मुरुगेशन, डीआईजी पी रेणुका, डीआईजी विम्मी सचदेवा, बाल आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना, रेनू ठाकुर आदि मौजूद रहे। वहीं, कई जिलों के डीएम और अधिकारी वर्चुअल शामिल रहे।

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महिलाओं के लिए सरकारी योजनाओं में हो बदलाव…

बैठक में कहा गया कि महिलाओं को आगे बढ़ाने, उनके विकास और सशक्तीकरण के लिए कई सरकारी योजनाओं में बदलाव की जरूरत है। खासकर समाज कल्याण विभाग की शादी-अनुदान की योजना में बदलाव होना चाहिए। इस योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग की बेटियों एवं सामान्य में विधवा महिला की बेटी की शादी के लिए 50 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है। शादी के लिए अनुदान के बजाए बेटियों की शिक्षा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहयोग दिया जाना चाहिए।

वन पंचायतों में 50 प्रतिशत आरक्षण…

महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि बैठक में यह भी सुझाया गया कि वन पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था हो।

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