शंखनाद INDIA:

उत्तराखंड राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में भी अब गन्ने की बुआई होगी। वर्तमान में देहरादून, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और हरिद्वार में इसकी खेती की जा रही है। जिसके बाद पिथौरागढ़ जिले में 293 किसान इसकी खेती के लिए आगे आए हैं। गन्ना विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा के मुताबिक पिथौरागढ़ में इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। जिसके बाद चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में भी सरकार इसकी खेती पर विचार कर रही है।

प्रदेश में पेराई सत्र 2022-23 के लिए राज्य में 92 लाख हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल है। जिसे वर्ष 2024 में एक लाख एवं वर्ष 2025 में 1.10 लाख हेक्टेयर तक विस्तारित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। गन्ना विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा के मुताबिक पिथौरागढ़ जिले में 293 किसानों को 95 क्विंटल बीज उपलब्ध कराते हुए इसकी बुआई शुरू कराई गई है। जिसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं।

बता दें कि मंत्री के मुताबिक जिन घाटी क्षेत्रों में तापमान 28 से 32 डिग्री के बीच रहता है, वहां गन्ने की बुआई के लिए किसानों का प्रस्ताव कृषि विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारियों को लिखा गया है। चीनी मीलों में गन्ना लेकर आने वाले किसानों को अब पेयजल, शौचालय एवं अन्य सुविधाएं मिलेंगी।

गन्ना विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने अधिकारियों को दिए निर्देश दिए कि मीलों में किसानों के बैठने की पर्याप्त व्यवस्था हो, उनके लिए पेयजल उपलब्ध हो, शौचालय हो एवं परिसर में धूल न उड़े, इसके लिए समय-समय पर पानी का छिड़काव किया जाए। इतना हीं नही परिसर में टायर पंचर लगाने की भी व्यवस्था हो।

आपको बता दें कि गन्ना विकास मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को बैठक में दिए निर्देश दिए कि जिन गन्ना क्रय केंद्रो से 24 घंटे के भीतर गन्ने का उठान नहीं होता, उन क्रय केंद्रों के संबंधित ठेकेदार पर जुर्माना लगाया जाए।

मंत्री ने मीलों को घाटे से उबारने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीजन में चीनी मीलों में ब्रेक डाउन नहीं होना चाहिए। ब्रेक डाउन होने पर संबंधित की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

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