देहरादून । राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित उत्तराखंड विधानसभा का तीन दिवसीय रजत जयंती विशेष सत्र बुधवार देर शाम अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। यह सत्र प्रदेश की अब तक की उपलब्धियों की समीक्षा और आगामी 25 वर्षों के विकास रोडमैप पर केंद्रित रहा। सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने एक-दूसरे के साथ रचनात्मक संवाद के माध्यम से प्रदेश की प्रगति और चुनौतियों पर चर्चा की।
पहला दिन: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन “युवा ऊर्जा के साथ आगे बढ़े उत्तराखंड”
विशेष सत्र की शुरुआत सोमवार सुबह विधानसभा सचिवालय में हुई, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि “उत्तराखंड की स्थापना श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में जनआकांक्षाओं को ध्यान में रखकर हुई थी। 25 वर्षों में राज्य ने पर्यावरण, ऊर्जा, पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।”
राष्ट्रपति ने महिलाओं की भागीदारी और सशक्तिकरण की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि “सुशीला बलूनी, बछेंद्री पाल और वंदना कटारिया जैसी महिलाओं की गौरवशाली परंपरा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।”
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने राष्ट्रपति को ‘रम्माण कला’ पर आधारित स्मृति चिन्ह भेंट किया और एक पुस्तक का विमोचन कराया।
दूसरा दिन: विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य पर विपक्ष-सत्ता पक्ष आमने-सामने
मंगलवार को दूसरे दिन की कार्यवाही में राज्य की उपलब्धियों और चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “उत्तराखंड को सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने का हमारा संकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पूरा होगा।”
कांग्रेस नेता यशपाल आर्य ने पलायन, बेरोजगारी और शिक्षा की गिरती गुणवत्ता पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि “राज्य बनने के बाद भी पहाड़ों से पलायन नहीं रुका, गांव खाली हो रहे हैं और युवाओं में निराशा बढ़ रही है।”
वहीं, विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि “हमें राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर राज्य की पहली सरकारों से सीखना होगा। सिडकुल जैसी योजनाएं आज भी लाखों परिवारों की रोजी-रोटी का आधार हैं।”
तीसरा दिन: भविष्य के रोडमैप पर चर्चा और सत्र का समापन
बुधवार को तीसरे दिन सत्र में प्रदेश के विकास के रोडमैप 2047 पर चर्चा हुई।
विधायक भरत चौधरी ने कहा कि “सत्र में हुई चर्चाएं उत्तराखंड के विकास को नई दिशा देंगी।”
त्रिलोक सिंह चीमा ने कहा कि “स्वास्थ्य क्षेत्र में राज्य ने उल्लेखनीय कार्य किया है, हेल्थ बजट में 16% वृद्धि इसका प्रमाण है।”
शक्ति लाल शाह ने कहा कि “राज्य निर्माण में आम जनता की बड़ी भूमिका रही है। अब समय है कि ढोल-दमाऊ बजाने वाले उन आंदोलनकारियों को भी सम्मान मिले जिन्होंने राज्य आंदोलन को जन-आंदोलन बनाया।”
मुन्ना सिंह चौहान ने गोल्डन कार्ड योजना में भुगतान की देरी पर सरकार से संज्ञान लेने की मांग की।
वहीं कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि “राज्य में 1488 विद्यालयों को बंद करने की योजना है, जो चिंताजनक है। सरकार को अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को मॉडल कॉलेज बनाना चाहिए।”
