त्रिलोचन भट्ट/देहरादून
नगर निगम चुनावों के मद्देनजर जन संगठनों की ओर चलाये जा रहे ‘संपर्क एवं संवाद’ अभियान के तहत आज गांधी पार्क से शहीद स्थल तक जुलूस निकाला गया और आम नागरिकों को चुनाव के प्रति जागरूक करने के लिए पर्चे बांटे गये। शहीद स्मारक पर आये बीजेपी मेयर पद के उम्मीदवार सौरभ थपलियाल को जनता का एजेंडा भी सौंपा गया।
उत्तराखंड इंसानियत मंच और उत्तराखंड महिला मंच सहित विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग दोपहर को गांधी पार्क के बाहर एकत्रित हुए। यहां से ये लोग जुलूस की शक्ल में जनता के मुद्दों का पर्चा बांटते हुए घंटाघर, पल्टन बाजार, धामावाला, राजा रोड होते हुए कचहरी स्थित शहीद स्मारक पहुंचे। शहीद स्मारक आये बीजेपी के मेयर पद के उम्मीदवार को जन संगठनों की ओर से जनता का एजेंडा सौंपा गया। इस एजेंडे में मुख्य रूप से चार मांगें रखी गई हैं। इनमें शहर में विकास के नाम पर भविष्य में एक भी पेड़ न कटने देना, युवाओं को ड्रग्स से बचाने के लिए काम करना, हर वार्ड में पेड़ों की हदबंदी वाले पार्क बनाना और सड़कें खोदने की स्थिति में तय समय के भीतर उन्हें ठीक करना शामिल हैं।
जन संगठनों ने इन मांगों पर बीजेपी उम्मीदवार की सहमति मांगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पहले से ही इन मुद्दों को लेकर कार्ययोजना बना रही है। जनता के एजेंडे पर पूरी तरह सहमति व्यक्त करते हुए सौरभ थपलियान ने कहा कि वे 18 जनवरी को देहरादून सिटीजन फोरम की ओर से आयोजित किये जा रहे ‘मेयर संवाद’ में हिस्सा लेंगे और सभी प्रश्नों का जवाब देंगे।
जन संगठनों ने जुलूस के दौरान राजपुर रोड, पल्टन बाजार और कचहरी में आम मतदाताओं से संपर्क किया और उन्हें जनता की मांगों के बारे में बताया। उत्तराखंड इंसानियत मंच के डॉ. रवि चोपड़ा ने बताया कि जुलूस के दौरान आम नागरिकों की ओर से उत्साहजनक समर्थन मिला। ज्यादातर लोगों ने इसे एक जरूरी मुहिम बताया और आश्वासन दिया कि वे अपने क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने के लिए अपने स्तर पर काम करेंगे। डॉ. चोपड़ा ने कहा कि जनसंगठनों की ओर से संपर्क और संवाद अभियान आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा।
उत्तराखंड इंसानियत मंच की कमला पंत ने कहा कि 17 जनवरी को आराघर, धर्मपुर और रेसकोर्स क्षेत्र में अभियान चलाया जाएगा। इप्टा के हरिओम पाली का कहना था कि यह पहली बार है, जब चुनावों में आम नागरिकों का पक्ष भी सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि जन संगठनों के इस अभियान का उद्देश्य आम लोगों को जागरूक करना और उम्मीदवारों तक यह संदेश पहुंचाना है कि चुनाव जीतने के बाद उन्हें हर हाल में जनता के काम करने होंगे, अब पहले की तरह नहीं चलने वाला है।