देहरादून। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की जांच में दून एसआईटी को बड़ा सुराग हाथ लगा है। करीब एक महीने की जांच के दौरान टीम ने मुख्य आरोपी खालिद मलिक का आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल निकाला है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, खालिद के खिलाफ मेरठ में वर्ष 2023 में नकल के एक मामले में मुकदमा दर्ज है।
हालांकि अब तक यूपी पुलिस को उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया था। दून एसआईटी की सूचना पर अब मेरठ पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ है कि पेपर लीक का यह मामला एक बड़े नेटवर्क से जुड़ा हुआ है, जिसके तार मेरठ और दिल्ली तक फैले हैं। इस संबंध में सभी दस्तावेज और प्रमाण मंगलवार को सीबीआई को सौंप दिए गए हैं। माना जा रहा है कि सीबीआई जल्द इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों तक पहुंचकर उसे ध्वस्त करेगी।
एसआईटी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि सर्च वारंट के दौरान खालिद के घर से कोई शैक्षणिक सामग्री बरामद नहीं हुई, जिससे उस पर संदेह और गहरा गया। दस्तावेजों की जांच में सामने आया कि खालिद ने 2023 से 2025 के बीच कुल नौ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन किया, जिनमें से पांच परीक्षाओं में वह शामिल ही नहीं हुआ। हैरानी की बात यह भी है कि कुछ परीक्षाओं की शैक्षिक योग्यता खालिद के पास थी ही नहीं।
जांच एजेंसियों का मानना है कि यह पूरा गिरोह लंबे समय से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली कर रहा था। अब सीबीआई इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच करेगी और आने वाले दिनों में कई और गिरफ्तारियां संभव हैं।
