देहरादून : आज उत्तराखंड में सरकारी व निजी अस्पतालों के डॉक्टर 24 घंटे के कार्य बहिष्कार पर हैं। कोलकाता में महिला रेजिडेंट चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 24 घंटे के कार्य बहिष्कार का एलान किया है।
चिकित्सक शनिवार सुबह छह बजे से रविवार सुबह छह बजे तक कार्य बहिष्कार पर रहेंगे। हालांकि कार्य बहिष्कार के दौरान इमरजेंसी, पोस्टमार्टम व वीआइपी ड्यूटी यथावत चलती रहेगी। लेकिन ओपीडी व इलेक्टिव सर्जरी नहीं की जाएगी।देहरादून में डॉक्टरोंं के कार्य बहिष्कार के चलते जिला अस्पताल कोरोनेशन की ओपीडी बंद है। जिला अस्पताल कोरोनेशन से डॉक्टर व स्टाफ ने मार्च निकाला।
एम्स ऋषिकेश में आज पांचवें दिन भी चिकित्सकों की हड़ताल जारी है। वहीं, आज आईएमए ऋषिकेश के बैनर तले निजी अस्पतालों में भी चिकित्सक सामूहिक हड़ताल पर हैं। हिमालयन विश्वविद्यालय जौली ग्रांट के चिकित्सकों व मेडिकल स्टूडेंट की ओर से कोलकाता प्रकरण को लेकर विरोध मार्च निकाला गया।
हरिद्वार में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के 24 घंटे के कार्य बहिष्कार को प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने भी समर्थन किया है। प्रांतीय आह्वान पर सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी सुबह से कार्य बहिष्कार पर हैं। अस्पतालों की ओपीडी संचालित नहीं हो पा रही है।
मरीज और तीमारदारों को दिक्कतें भी उठानी पड़ रही है। जिन्हें हड़ताल की जानकारी नहीं है वह इलाज को अस्पतालों का रख कर रहे हैं, लेकिन वहां से बैरंग लौटना पड़ रहा है। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ हरिद्वार शाखा के जिला अध्यक्ष डॉक्टर यशपाल तोमर के नेतृत्व में 10:30 बजे डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी जिला अस्पताल में प्रदर्शन करेंगे।
रुड़की में तमाम निजी नर्सिंग होम और सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों ने ओपीडी का बहिष्कार किया है। शहर में दो दर्जन से अधिक अस्पतालों पर ताले लगे हुए हैं और बाहर कार्य बहिष्कार का बोर्ड लगा हुआ है। इससे पूर्व शुक्रवार की रात को आइएमए के बैनर तले शहर के चिकित्सकों ने कैंडल मार्च निकाला था।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की में भी कोलकाता मामले को लेकर छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार रात कैंडल मार्च निकाला।
संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डा. मनोज वर्मा व महासचिव डा. रमेश कुंवर ने कहा कि इस नृशंस घटना के विरोध में और अपनी साथी चिकित्सक को न्याय दिलवाने के लिए देश-प्रदेश के चिकित्सक एक साथ खड़े हैं। कहा कि कोलकाता में भीड़ के शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे चिकित्सकों पर हमला करना और अस्पताल में तोड़फोड़ राज्य सरकार की विफलता को दर्शाता है।
कोलकाता पुलिस और राज्य सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिससे देश-प्रदेश के चिकित्सकों में आक्रोश है। उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करें। अपराधियों व अराजक तत्वों को तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार किया जाए।
चिकित्सालयों में चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के लिए जो एक्ट बना हुआ है, उसका सख्ती से पालन किया जाए। ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सकें।उन्होंने बताया कि शनिवार को सभी चिकित्सक अपने-अपने चिकित्सालयों व कार्यालयों में पोस्टर बैनर के साथ प्रदर्शन करेंगे। साथ ही श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित की जाएगी। शाम को प्रार्थना सभा व कैंडल मार्च निकाला जाएगा।