भिलंगना (टिहरी गढ़वाल)। उत्तराखंड में बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं ने एक बार फिर एक युवा गर्भवती की जान ले ली। घनसाली क्षेत्र के भिलंगना ब्लॉक में तीन महीने के भीतर तीसरी गर्भवती महिला की मौत ने पहाड़ में स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंगलवार को श्रीकोट गांव की 24 वर्षीय नीतू पंवार, जिन्हें सीएचसी बेलेश्वर से हायर सेंटर रेफर किया गया था, रास्ते में फकोट पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। वह आठ माह की गर्भवती थीं।

सीएचसी बेलेश्वर के चिकित्सा प्रभारी डॉ. शिव प्रसाद भट्ट के अनुसार, नियमित जांच न होने से नीतू के शरीर में अत्यधिक सूजन थी और रक्तचाप काफी बढ़ा हुआ था, जिसके चलते उन्हें हायर सेंटर भेजा गया। सीएमओ डॉ. श्याम विजय ने भी इसी कारण को रेफर का आधार बताया।

इसी क्षेत्र में इससे पहले 22 वर्षीया रवीना कठैत और 23 वर्षीया अनीशा रावत की भी रेफर के दौरान मौत हो चुकी है। लगातार तीसरे मामले ने ग्रामीणों में आक्रोश और चिंता दोनों बढ़ा दी है।

नीतू के परिवार पर इस दुख ने पहाड़ जैसा बोझ डाल दिया है। विदेश में नौकरी कर रहे पति दीपक पंवार को अभी तक यह दुखद खबर नहीं दी गई है। नीतू अपने सास-ससुर का एकमात्र सहारा थीं और घर में आने वाले नए जीवन को लेकर सभी उत्साहित थे। लेकिन कमजोर स्वास्थ्य सुविधाओं ने उनकी उम्मीदें ही नहीं, पूरा परिवार टूटने पर मजबूर कर दिया।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त सुविधाएं और विशेषज्ञ चिकित्सा होतीं, तो नीतू की जान बच सकती थी। तीन महीने में तीन गर्भवती महिलाओं की मौत ने भिलंगना क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। अब सवाल यह है कि क्या यह क्रम यहीं थमेगा या फिर पहाड़ की महिलाएँ इसी तरह जान गंवाती रहेंगी।