शंखनाद INDIA/ संवाददाता {आरती पांडेय} : आज आप सभी को पता होगा की 2 अक्टूबर हैं। कुछ समय पूर्व ही महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता भी कहा जाता था, वही आज भी हम उन्हें इसकी की उपाधि देते हैं। इसके अलावा आज उनका जन्मदिन भी हैं। साथ ही साथ आज लाल बहादुर शास्त्री का भी जन्मदिन है। इन दो महान अभिनेताओं को आज पूरा उत्तराखंड याद कर रहा है। बापू हमेशा कहते थे “सत्य-अहिंसा और प्रेरणा” के सिद्धांतों पर हमें चलना होगा और उनकी बात बिल्कुल सच और सटीक साबित भी हुई है। वही शांति और अहिंसा की बात करने वाले बापू की आज 152 वी जयंती है। वह अपनी सादगी से दुनिया भर में पहचान बनाने वाले लाल बहादुर शास्त्री की भी 118 वी जयंती है। दोनों ने ही अपना जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया था। महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के नाम से भी हम जानते जिन्हें हम बापू के नाम से संबोधित करते हैं। महात्मा गांधी के विचार एकदम से ताकतवर थे या कहे अहिंसा पर विजय प्राप्त करने के थे। जिसे दुनिया के कई देशों में क्रांति और विरोध का हथियार बनाया गया।

बाबू और शास्त्री की कुछ यादे

बता दें कि 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने प्रस्ताव पारित कर दो अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 2 अक्टूबर को स्वच्छता अभियान जारी किया। अब बात कर लेते हैं लाल बहादुर शास्त्री की जिनका जन्म 2 अक्टूबर के दिन ही हुआ था। राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म भी 2 अक्टूबर को गुजरात के पोरबंदर में ही हुआ था। महात्मा गांधी को उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाना जाता है और वही लाल बहादुर शास्त्री भी एक क्रांतिकारी रूप में ही सम्मिलित हैं। यह दोनों अभिनेता हमारे भारत के लिए एक अलग ही पहचान देकर चले गए हैं। भले ही यह आज चले गए हैं लेकिन इनकी यादें अभी भी हमारे दिलों में बसती हैं.

वही इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने कहा की “राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के सत्य व अहिंसा के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं। हमें अपने आचरण में अहिंसा का भाव जागृत करने के साथ ही मानवता के प्रति करूणा का भाव पैदा करना होगा। यही हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी” इसी के साथ मैं समझदार थी अपने शब्दों में विराम देती हूं”…..