मुख्यमंत्री ने आज शिक्षा विभाग की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए समेकित प्रयास किए जाएं। पहली, छठी और नवीं कक्षा में विद्यार्थियों के अधिकाधिक प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए प्रवेशोत्सव पर विशेष ध्यान दिया जाए। विद्यालयों से बालिकाओं के ड्रॉपआउट को कम करने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएं। जो बालिकाएं ड्रॉपआउट हो रही हैं, उनको शिक्षा की धारा से पुनः जोड़ने के प्रयास किए जाएं।
प्रदेश में शिक्षा में हो गुणात्मक सुधार
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विद्यार्थियों के कौशल विकास के साथ ही व्यावसायिक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। नवाचार की दिशा में नियमित कार्य किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि छात्र-छात्राओं को किताबें, नोटबुक और स्कूल ड्रेस समय पर मिले।
उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग की जो परिसंपत्तियां उपयोग में नहीं हैं, उनका सदुपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में बालिकाओं के लिए अलग शौचालयों और सेनेटरी पैड की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। स्कूल भवनों के सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखा जाए।
शिक्षकों के रिक्त पदों को जल्द भरने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विद्यालयों में किताबी ज्ञान के साथ ही कला, रंगमंच, खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए। फिट इंडिया के बारे में बच्चों को जागरूक किया जाय। परीक्षा प्रणाली के सुधार की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को जल्द भरा जाए।
चलाई जाएंगी 4 हजार स्मार्ट क्लास
बैठक में जानकारी दी गई कि भारत दर्शन योजना के तहत 156 टॉपर्स को दिल्ली, हिमाचल, पंजाब और हरियाणा भेजा गया। छात्रों ने आईआईटी, आईआईएम और अन्य संस्थानों का भ्रमण किया। इस साल 1082 टॉपर्स को भारत दर्शन भ्रमण पर भेजा जाएगा। राज्य के 559 क्लस्टर विद्यालयों को स्मार्ट स्कूल बनाया जाएगा। जिसके तहत 4019 स्मार्ट क्लास संचालित की जाएंगी।