शंखनाद INDIA/ देहरादून
तीर्थनगरी ऋषिकेश में जल संस्थान के स्टोर से लाखों रूपये का सामान गायब होने के मामले को लगभग 1 महीने का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक मामले पर कोई खुलासा नहीं हो पाया है| शंखनाद इंडिया के सूत्रों के अनुसार विभाग के अंदर चोरी हुए सामान का विभाग के ही कुछ लोगों की मिलीभगत का संदेह लग रहा है| आखिर विभाग में चोरी हो और विभाग के अधिकारी को पता ना हो यह बात हजम होने वाली नहीं लगती है| स्टोर में रखे हुए लाखों रूपये के सामान का अंदेशा तब पता चल पाएगा कि जब विभाग के पास इस सामान का रिकॉर्ड हो| विभाग में कितना सामान किस स्टोर में है| विभाग द्वारा बताया गया कि कई सालों से स्टोर में रखे सामान की बोली लगनी थी लेकिन बोली लगने के बजाय विभाग के कुछ अधिकारियों ने ऐसी साजिश रची कि सामान को चोरी करवा दिया गया| सवाल उठते हैं कि विभाग की इस चोरी पर क्यों चुप्पी है| आखिर क्यों नहीं विभाग के लोग मामले पर चोरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हैं|
पूरे मामले के अनुसार पिछले दिनों जल संस्थान विभाग के स्टोर से लाखों का सामान गायब हो गया लेकिन विभाग को इस बात की भनक तक नहीं लगी| जानकारी के मुताबिक करीब 10 दिनों से विभाग के सामान को स्टोर से गायब होता रहा लेकिन किसी को इस बात के बारे में पता नहीं चला| वहीं जब विभाग के उच्च अधिकारियों को इस बात का पता चला तो उनके होश उड़ गए| उच्च अधिकारियों ने जब मामले पर सामान की लिस्ट तलब की तो उन्हें सामान की लिस्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई| विभाग के अधिकारी किसी तरह मामले को मीडिया में दबाने की कोशिश में लगे हैं|
गौरतलब है कि तीर्थनगरी में जल संस्थान विभाग के स्टोर से कई लाख का सामान गायब कर दिया| बताया जा रहा है कि मुनिकिरेती से लेकर हरीपुर कलां तक जल संस्थान के स्टोर में रखे लाखों रूपये के पाइप, मोटर और अन्य सामान को स्टोर से गायब कर दिया| मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब मीट मार्केट स्थित जल संस्थान विभाग के एक्शन ने स्टोर के सामान की जांच की| तो पता चला कि अपर सहायक अभियंता ने यह सामान स्टोर से लिया है| इसी तरह श्यामपुर के स्टोर से भी लाखों रूपयों का सामान अपर सहायक अभियंता ने गायब कर दिया| इसके अलावा लक्कड़घाट में भी 200 कट्टों में स्टोर का सामान भरा हुआ था| जिसको भी ठिकाने लगाये जाने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन मामला पकड़ में आने के बाद विभाग ने उक्त सामान को जब्त कर लिया|
मामले को लेकर जल संस्थान के एक्शन ने अपर सहायक अभियंता से सवाल किया तो उन्होंने सामान को एक जगह पर एकत्रित करने की बात स्वीकारी| वहीं जब जल संस्थान के अभियंता को इसकी जांच के लिए भेजा गया तो स्टोर में सामान नहीं पाया गया| मामले को लेकर विभाग के उच्च अधिकारी से जांच करने की बात कही जा रही है| जांच अधिकारी अधिक्षण अभियंता नमित रमोला का कहना है कि मामले पर जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारी को सौंप दी गई है| वहीं जब मामले पर शंखनाद इंडिया ने मुख्य अभियंता एस.के.शर्मा से बात करने की कोशिश की तो वो जवाब नहीं दे रहे हैं|
इसे विभाग की लापरवाही ही कह सकते है जिससे स्टोर से लाखों का सामान गायब हो जाता है और किसी को कानों कान तक भनक नहीं लगती है| अगर विभाग सचेत रहता तो शायद लाखों की चपत नहीं लगती| अब सवाल यह है कि आखिर किसकी मिलीभगत से लाखों के सामान को स्टोर से गायब किया गया है| हालांकि पूरे मामले का खुलासा तो जांच रिपोर्ट आने के बाद ही होगा| साथ ही मामले पर जो भी दोषी पाया जाता है उस पर विभाग की तरफ से किस तरह की कठोर कार्रवाई की जाती है ये भी एक एक बड़ा सवाल है|