शंखनाद INDIA/बागेश्वर-: एक स्थाई और दो अस्थाई शिक्षकों के भरोसे चल रहा महाविद्यालय, प्राचार्य का पद भी लंबे समय से चल रहा रिक्त अनदेखी पीसीएस अधिकारी से महाविद्यालय के प्राधयापक तक दे चुका जिले का एकमात्र संस्कृत महाविद्यालय बदहाली का शिकार है।वर्ष 1939 में स्थापित महाविद्यालय आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। महाविद्यालय का भवन जर्जर हो गया है। बिजली,पानी,शौचालय की सुविधा नहीं है।एक स्थाई प्राध्यापक और दो अस्थाई शिक्षकों के जिम्मे 56 छात्रों का भविष्य है।

प्रबंधन कई दफा शासन प्रशासन से सुबिधाओं की मांग कर चुका है। लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिल रहा है।इससे स्थानीय लोगों में रोष पनपने लगा है। कमेड़ीदेवी स्थिय श्रीनारायण स्वामी संस्कृत महाविद्यालय में प्रथमा से शास्त्री तक की कक्षाएं चलती हैं। वर्तमान में शास्त्री के छह सेमेस्टर में कुल 45छात्र अध्ययनरत हैं।प्रथमा,मध्यमा और उत्तरा की कक्षाओं में 11छात्र हैं।शिक्षक और प्राध्यापक के कुल पांच पद स्वीकृत हैं। प्राचार्य का पद रिक्त होने से खुशाल सिंह राठौर के पास प्रभार है। वहीं एकमात्र स्थाई शिक्षक भी हैं।

प्रबंधक कमल भौंर्याल ने कहा कई बार महाविद्यालय के समस्याएं शासन प्रशासन के सम्मुख रखी लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल पाया हैं। बीडीसी सदस्य जाखनी श्रृद्धा जोशी ग्राम प्रधान पुष्पा पाठक गिरधारी सिंह राठौर केदार सिंह मेहरा ने महाविद्यालय की ख्स्ताहाल स्थिती सुधारने की मांग की है। महाविद्यालय के की छात्रों ने मुकाम हासिल कर बढ़ाया गौरव उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार के अधीन चलने वाले इस महाविद्यालय से पढ़े क ई छात्रों ने अपना मुकाम बनाया हैं। कभी यहां पढ़ने के लिए छात्र लालायित रहते थे।

यहां से शिक्षा प्राप्त कर चुके दीपक जोशी बिहार कैडर के पीसीएस अधिकारी हैं। राइ़का डीनापानी कू संस्कृत प्रवक्ता डॉ गिरीश जोशी महादेव गिरी संस्कृत महाविद्यालय हल्द्वानी के संस्कृत प्रवक्ता डॉ कृष्ण जोशी इंका कमेड़ी देवी के प्रवक्ता उमेश जोशी सहित कई लोगों की शिक्षा इसी महाविद्यालय से हुई है। यहां से पढ़े छात्रों ने संस्कृत और ज्योतिष में नाम कमाया है। बलवंत सिंह भौर्याल विद्यायक कपकोट क्या बोले महाविद्यालय के लिए “संस्कृत महाविद्यालय में आर्चाय की कक्षाएं स्वीकृत कराने,मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की बात शासन में रखी गई है। महाविद्यालय की समस्यायों का जल्द होगा निवारण।”