हल्द्वानी। उत्तराखंड की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों और विकासखंडों के बीच लंबी दूरियों की समस्या को लेकर लोकसभा में एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया गया। नैनीताल–उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने नियम 377 के तहत राज्य में विकासखंडों की संख्या बढ़ाए जाने की जोरदार मांग रखी।
सांसद अजय भट्ट ने सदन में कहा कि उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है, जहां भौगोलिक परिस्थितियां अत्यंत कठिन हैं। कई क्षेत्रों में एक विकासखंड से दूसरे विकासखंड तक पहुंचना आम नागरिकों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। लंबी दूरी, दुर्गम रास्ते और सीमित परिवहन सुविधाओं के कारण लोगों को अपने रोजमर्रा के सरकारी कार्यों के लिए भी दूर-दराज के क्षेत्रों की यात्रा करनी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि इस स्थिति का सीधा प्रभाव प्रशासनिक व्यवस्था और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर पड़ता है। केंद्र और राज्य सरकार की अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं ब्लॉक स्तर से लागू होती हैं, लेकिन दूरियों और संसाधनों की कमी के कारण इन योजनाओं का लाभ समय पर और प्रभावी रूप से जनता तक नहीं पहुंच पाता। इससे न केवल समय और धन की बर्बादी होती है, बल्कि आम लोगों को भी अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सांसद भट्ट ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में नए विकासखंडों का गठन समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विकासखंडों की संख्या बढ़ने से प्रशासनिक इकाइयां जनता के और करीब आएंगी, जिससे सरकारी सेवाएं अधिक सुगम, त्वरित और प्रभावी बनेंगी। इससे विकास कार्यों को गति मिलेगी और ग्रामीण व पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को सीधा लाभ पहुंचेगा।
