पुष्कर सिंह रावत/
उत्तराखंड कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ मिलकर आगामी 27 फरवरी को गैरसैंण में प्रतीकात्मक सत्र किया जायेगा आयोजित
उत्तराखंड कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ मिलकर आगामी 27 फरवरी को गैरसैंण में प्रतीकात्मक सत्र आयोजित किया गया है। रविवार को प्रदेश मुख्यालय में यह जानकारी देते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार के द्वारा बजट सत्र देहरादून में कराए जाने का निर्णय बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश सरकार का यह निर्णय शहीद आंदोलनकारी की आत्मा को छलनी कर देने वाला निर्णय है, राज्य का आंदोलन गैरसैंण के ही इर्द-गिर्द बुना गया था ,उस वक्त नारा चर्चित हुआ कोदा झंगोरा खाएंगे गैरसैंण राजधानी बनाएंगे।

इसे राज्य की विडंबना ही कहा जा सकता है की 23 साल राज्य गठन के बाद भी उत्तराखंड अपनी एक अदद राजधानी को तरस रहा है पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा यह निर्णय ले लिया गया था की गैरसैंण में जब तक व्यापक व्यवस्थाएं नहीं हो जाती तब तक हर वर्ष बजट सत्र गैरसैंण में ही आहूत होगा परंतु स्वयं की ही सरकार में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने के बावजूद धामी सरकार गैरसैंण जाने से परहेज कर रही है। विधायकों के पत्र को आड़ बनाकर सरकार ने बजट सत्र देहरादून में ही आहूत करने का निर्णय लिया है जो पृथक पहाड़ी राज्य की मूल अवधारणा को ही बेमानी साबित करती है।

कहा कि गैरसैंण में प्रतीकात्मक सत्र आहूत किया जाने का प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का फैसला न सिर्फ धामी सरकार की आंखें खोलने वाला साबित होगा बल्कि आने वाले चुनाव के मध्य नजर ब्रह्मास्त्र साबित होगा। उत्तराखंड की जनता के सामने यह जग जाहिर हो जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों की कथनी और करनी में कितना बड़ा फर्क होता है। इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ सत्र आहूत करके कांग्रेस पार्टी सरकार और सरकार में बैठे हुए मंत्रियों को दिखाएंगे की कैसे सत्र चलाया जाता है ?किस तरह के मुद्दे सदन में उठने चाहिए और किस स्तर की बहस होनी चाहिए। मंत्री विधायकों की क्या तैयारी होनी चाहिए और सदन का क्या अनुशासन होना चाहिए यह भी बानगी के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।