उत्तर प्रदेश। हरदोई जिले में एक शिक्षिका द्वारा छात्र को अमानवीय सजा देने का मामला सामने आया है। किसी बात से नाराज होकर शिक्षिका ने सातवीं कक्षा के छात्र से 200 उठक-बैठक लगवाई, जिसके बाद छात्र की तबीयत बिगड़ गई। मामला सामने आने के बाद स्कूल प्रशासन ने शिक्षिका को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।

जानकारी के मुताबिक, मोहल्ला सुंबाबाग निवासी विकास तिवारी का बेटा शहर के एक निजी स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ता है। शनिवार को किसी बात पर नाराज होकर शिक्षिका ने छात्र को सजा के रूप में 200 उठक-बैठक लगाने को कहा। बताया गया कि सजा पूरी करने के बाद छात्र थककर चूर हो गया और घर पहुंचने पर उसकी तबीयत अचानक खराब होने लगी।

परिजनों के अनुसार, बच्चे ने घर आकर आपबीती सुनाई, जिसके बाद उसे तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। पिता विकास तिवारी ने बताया कि अमानवीय सजा के चलते बेटे की हालत बिगड़ी है और उन्होंने मांग की है कि स्कूल प्रबंधन बच्चे के इलाज का पूरा खर्च उठाए।

इस घटना के बाद स्कूल के प्रिंसिपल प्रशांत निगम ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित शिक्षिका को हटा दिया गया है। साथ ही, स्कूल की मैनेजमेंट कमेटी ने छात्र के इलाज की जिम्मेदारी लेने का फैसला किया है।

वहीं, कोतवाल विद्यासागर पाल ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना फिर एक बार शिक्षा संस्थानों में अनुशासन के नाम पर दी जाने वाली कठोर सजा पर सवाल खड़े करती है।