अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश की अध्यक्षता में शनिवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत गठित जिला सलाहकार समिति की बैठक हुई। जिसमें पीसीपीएनटी के अन्तर्गत संचालित कार्याे की गहन समीक्षा की गई और पीसीपीएनडीटी एक्ट का कड़ाई से अनुपालन करने के निर्देश दिए गए।

अपर जिलाधिकारी ने कहा कि जन्म से पूर्व लिंग परीक्षण और कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। जनपद में संचालित अल्ट्रासाउंड केंद्रों का नियमित निरीक्षण करें। कम लिंगानुपात वाले क्षेत्रों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाए। आशा के माध्यम से सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण कराया जाए। अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर अल्ट्रासाउंड कराने वालों का अनिवार्य रूप से फार्म-एफ भरा जाए।

इस दौरान महादेव डायग्नोस्टिक सेंटर मैन बाजार कर्णप्रयाग के संचालक डॉ शैलेन्द्र कुमार जायसवाल द्वारा अपनी अल्ट्रासाउंड मशीन को कंपनी को बाई बैक करने हेतु दिए गए आवेदन पर अधिनियम के अनुसार कार्रवाई करने और जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में स्थित ट्रामा सेंटर पर स्थित अल्ट्रासाउंड मशीन को जिला चिकित्सालय के पंजीकरण में शामिल करने पर समिति द्वारा सहमति दी गई। वहीं अरिहंत हास्पिटल के प्रबंधक इन्द्रवीर सिंह राणा द्वारा डॉ राहुल खर्कवाल को अपने अस्पताल में अल्ट्रासाउंड संचालन हेतु पंजीकृत किए जाने हेतु प्रस्तुत आवेदन पर समिति ने समस्त शैक्षिक प्रमाण पत्र एवं उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल का सर्टीफिकेट समिति के सम्मुख प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.राजीव शर्मा ने बताया कि आशा सर्वे-2023-24 के अनुसार जनपद में 0-6 वर्ष के बच्चों का लिंगानुपात 959 है। जबकि एनएफएचएस सर्वे के अनुसार जनपद का लिंगानुपात बढ़कर 1026 हो गया है। जिले में कुल 24 अल्ट्रासाउंड मशीन पंजीकृत है, जिसमें से 14 केन्द्र सीज है। जबकि 04 सरकारी और 05 प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केन्द्र संचालित है। विगत अप्रैल से फरवरी तक जनपद में 05 गर्भवती महिलाओं की प्रसव के दौरान मृत्यु हुई है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति लिंग निर्धारण जैसी अवैध गतिविधियों के संबध में गोपनीय सूचना दे सकता है।