शंखनाद INDIA/उधम सिंह नगर : उत्तराखंड में पर्यटन संबंधी परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। टिहरी झील में सी-प्लेन उतारने की कवायद के बीच एक और अच्छी खबर आई है। पर्यटन विभाग जौलीग्रांट एयरपोर्ट से नानक सागर में सी-प्लेन उतारने की तैयारी कर रहा है। विभाग ने सी-प्लेन से जुड़ा प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्ताव को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है। इसके तहत जौलीग्रांट एयरपोर्ट से नानक सागर में सी-प्लेन उतारा जाएगा। सेवा शुरू होने पर श्रद्धालु देहरादून से नानकमत्ता साहिब तक आसानी से पहुंच सकेंगे। इस सी-प्लेन का इस्तेमाल टिहरी झील में भी किया जा सकेगा। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सी-प्लेन सेवा शुरू होने पर नानकमत्ता साहिब जाने वाले यात्री हवाईयात्रा कर नानकमत्ता पहुंच सकेंगे। योजना के तहत जौलीग्रांट एयरपोर्ट से सी-प्लेन को उड़ाया जाएगा, जो कि सिर्फ नानक सागर में उतरेगा। सी-प्लेन का इस्तेमाल टिहरी में झील में भी किया जा सकता है। हर खबर पर हैं शंखनाद न्यूज़ की नज़र ….

इससे यात्रियों को भी काफी सहूलियत मिलेगी। पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। जहां हेलीपैड नहीं है, वहां पानी में सी-प्लेन उतारा जा सकता है, सेवा शुरू होने पर प्रदेश में टूरिज्म बढ़ेगा। नानकमत्ता साहिब सीएम पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र खटीमा के पास है। इससे खटीमा वासियों को भी इसका फायदा मिलेगा। यहां आपको सी-प्लेन की खूबियां भी बताते हैं। सी-प्लेन ऐसे विमानों को कहा जाता है जो पानी से उड़ान भरने और लैंड करने में सक्षम होते हैं। कुछ सी-प्लेन भूमि और पानी दोनों जगह से उड़ान भरने और यहां लैंड करने में सक्षम होते हैं। सी-प्‍लेन सेवा से राज्‍य के टूरिज्‍म के अलावा ‘उड़ान’ योजना को भी खासा फायदा पहुंचने की उम्‍मीद है। गुजरात में सी-प्लेन सेवा शुरू हो चुकी है। उत्तराखंड में टिहरी झील, श्रीनगर, गूलरभोज डैम और नैनी झील को सी-प्लेन सेवा से जोड़ने की योजना है। इन प्लेनों के संचालन से एक और बड़ा फायदा होगा। सी-प्लेन संचालन शुरू होने से रन-वे आदि के निर्माण में जो भारी-भरकम खर्चा आता है, उससे बचा जा सकता है।

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