सुभाष पिमोली
जम्मू कश्मीर के लेह में मंगलवार को हृदय गति रुक जाने से पिंडर घाटी का लाल उम्मेद सिंह शहीद हो गये थे। उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को उनके गृह क्षेत्र थराली के सुनला गांव पहुंचा। शव को देखकर परिजन लिपटकर रोने लगे उनका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक घाट पिंडर नदी के तट पर किया गया। इस दौरान सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे।
थराली विकासखंड के ग्राम सभा सुनला निवासी उम्मेद सिंह भारतीय सेना की 14 गढ़वाल राइफल्स में जम्मू कश्मीर के लेह में तैनात थे। मंगलवार को अचानक ही हृदय गति रुक जाने के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी। गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर उनके गृह क्षेत्र थराली पहुंचा। श्रद्धांजलि देने के लिए उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक घाट पिण्डर नदी पर रखा गया जहां परिजनों, प्रशासन,पुलिस,सेना के अधिकारियों एवं आम जनता द्वारा उन्हें श्रंद्धाजलि दी गई।
इस दौरान वंदेमातरम,भारत माता की जय,जब तक सूरज जांच रहेगा उम्मेद तेरा नाम रहेगा,उम्मेद का यह बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान के नारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा।
उनकी चिता को उनके पुत्र ध्रुव ने मुखाग्नि दी। 6 ग्रेनेडियर के मेजर सुरेश सुलाई द्वारा उन्हें सलामी दी गई,इस दौरान सेना के बैंड ने सलामी धुन बजाई। इस दौरान 14 गढ़वाल के सूबेदार के.शैलेंद्र, कानूनगो जगदीश प्रसाद गैरोला, उप निरीक्षक योगेंद्र बिष्ट,पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ नारायणबगड़ के अध्यक्ष त्रिलोक सिंह बिष्ट,थराली के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह खत्री,पूर्व प्रमुख सुशील रावत मंडल ,भाजपा मंडलअध्यक्ष नंदू बहुगुणा,भाजपा मंडल उपाध्यक्ष गंगा सिंह बिष्ट,प्रधान प्रतिनिधि प्रेम बुटोला,डॉ भगत नेगी,जिला पंचायत सदस्य देवी जोशी सहित सेकड़ो लोगों ने सैनिक उम्मेद सिंह को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।