शंखनाद INDIA/उत्तराखंड -: द्वारीखाल ब्लाक में सैकड़ो की आबादी वाले भलगांव, भिडलगांव,क्यार्दा,सुरलगांव मोटर मार्ग की मांग सालो से ग्रामीण कर रहे है । दर्जनों बार सीएम,डीएम, विधायक और अफसरों को लिख चुके पत्र।चंद्र प्रकाश बुड़ाकोटी द्वारीखाल का कहना है की जब तक सिस्टम को जिम्मेदार नही बनाया जाएगा और विकास कार्यो से संबंधित पत्रावलियों में तेजी नही लाई जाएगी,तब तक जन विकास की बात करना बेमानी ही साबित होगा।
जी हां हम आज बात कर रहे है पौड़ी जनपद के द्वारीखाल विकास खंड के भलगांव-क्यार्दा-महरगांव-सुरलगांव मोटर मार्ग की,जो सालो से सिर्फ उत्तराखंड शासन विभाग और ग्रामीणों के पत्राचार से आगे नही बढ़ पाया है। या यूं कहें कि सिर्फ कागजों की ही सड़क बनी है तो गलत नही होगा। ग्राम पाट निवासी दिनेश जुयाल व सुरलगांव के मुकेश बलूनी कहते है कि लगातार सालो से हम लोग इस मोटर मार्ग के निर्माण के लिए आवाज उठा रहे है।सीएम से लेकर डीएम,विधायक अफसरों तक सैकड़ो बार पत्राचार किया गया, लेकिन दुर्भाग्य है कि आज तक इस मोटर मार्ग को नही बनाया गया। आजादी के सात दसक बाद भी कई-कई किलोमीटर पैदल चलकर ही ग्रामीणों को सड़क तक आना पड़ता है।
अनापत्ति प्रमाण पत्र भी दे चुके है लोग-
दिनेश जुयाल बताते है सड़क निर्माण में कोई बाधा उत्पन्न न हो,इसलिए इस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवो के ग्रामीण पहले ही अनापत्ति प्रमाण पत्र बिभाग को दे चुके है।
43 लाख अनुमानित लागत बनाकर बिभाग शासन को भेज चुका है-
मुकेश बलूनी ने बताया कि ग्रामीणों के साथ लोक निर्माण बिभाग द्वारा किए गए पत्राचार में बताया गया है कि,विभाग ने दो हजार उन्नीस में चालीस लाख और अब फिर एक बार और तैंतालीस लाख का अनुमानित लागत बनाकर शासन को भेजा गया है।लेकिन अब तक शासन से कोई भी स्वीकृति इस मार्ग को बनाने के लिए नही मिली।
विधायक की भी कोई नही सुनता
जब विधायक की ही नही हो रही सुनवाई तो आम आदमी की क्या औकात? पौड़ी जनपद के चौबत्याखाल बिधान सभा के बिधायक इस समय खुद कदावर मंत्री सतपाल महाराज है। ऐसा नही की विधायक के संज्ञान में यह मामला न हो, बल्कि क्षेत्रीय ग्रामीण इस सड़क निर्माण की मांग को उनके आगे भी कई बार उठा चुके है। उनके द्वारा भी भलगांव,क्यार्दा,महरगांव, सुरलगांव मोटर मार्ग के लिए पत्राचार किया गया लेकिन सरकार और शासन में न ग्रामीणों की सुनवाई हुई और न ही बिधायक मंत्री की।