Assam: गुरुवार को असमी भाषा के जाने-माने कवि और ज्ञानपीठ पुरस्‍कार से सम्‍मानित नीलामणि फूकन (Nilamani Phukan) का गुवाहटी मेडिकल कॉलेज, अस्‍पताल में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे और वृद्धावस्‍था से जुड़ी बीमारियों से पीडि़त थे। आपको बता दें (Nilamani Phukan) फूकन असम के सर्वाधिक सम्‍मानित कवि थे और उन्‍हें 11 अप्रैल 2022 को गुवाहटी में वर्ष 2021 के देश के सबसे बड़े साहित्‍यक पुरस्‍कार ज्ञानपीठ सम्‍मान से पुरस्‍कृत किया गया था।
उनकी प्रमुख रचनाओं में जुरिया हेनू नामी आहे ई नोडिएडी, कबिता और गुलापी जामूर लागना शामिल हैं। उन्‍हें 1981 में कविता संग्रह कबिता के लिए साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार से भी नवाजा गया था। साथ ही भारत सरकार ने 1990 में फूकन (Nilamani Phukan) को पद्मश्री से सम्‍मानित किया था।