P20 Summit : दिल्ली के यशोभूमि में जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह समिट एक प्रकार से दुनिया भर की अलग-अलग संसदीय प्रथाओं का महाकुंभ है। आप सभी प्रतिनिधि अलग-अलग संसदीय कार्यशैली के अनुभवी हैं। आपका इतने समृद्ध लोकतांत्रिक अनुभवों के साथ भारत आना हम सभी के लिए बहुत सुखद है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले साल भारत में फिर एक बार आम चुनाव होने जा रहा है। मैं P20 शिखर सम्मेलन में आए आप सभी प्रतिनिधियों को अगले साल होने वाले आम चुनाव को देखने के लिए अग्रिम निमंत्रण देता हूं। भारत को आपकी फिर से मेज़बानी करने में बहुत खुशी होगी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत दशकों से आतंकवाद का सामना कर रहा है। बीस साल पहले हमारी संसद पर अटैक हुआ था। तब संसद का सत्र चल रहा था। अब दुनिया को अहसास हो रहा है आतंकवाद कितना खतरनाक है। आतंक की परिभाषा तय न हो पाने का दुनिया भर के आतंकी फायदा उठा रहे है।

P20 Summit : 300 से अधिक विधानसभा चुनाव

9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (P20) में PM मोदी ने कहा कि भारत में हम लोग आम चुनाव को सबसे बड़ा पर्व मानते हैं। 1947 में आज़ादी मिलने के बाद से अब तक भारत में 17 आम चुनाव और 300 से अधिक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव ही नहीं कराता बल्कि इसमें लोगों की भागीदारी भी बढ़ रही है। देशवासियों ने मेरी पार्टी को लगातार दूसरी बार विजयी बनाया है। 2019 का आम चुनाव मनाव इतिहास की सबसे बड़ी मानव कसरत थी। इसमें 60 करोड़ वोटर ने हिस्सा लिया। तब भारत में 91 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे, जो पूरे यूरोप की कुल आबादी से अधिक है… यह दिखाता है कि भारत में लोगों का संसदीय प्रक्रियाओं में कितना भरोसा है।

P20 Summit : लोकतंत्र हमारी सबसे अमूल्य विरासत

इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) में प्रतिनिधियों का स्वागत किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए ओम बिरला ने कहा कि ये अत्यंत गौरव का विषय है कि भारत की अध्यक्षता में जी 20 लीडर समिट में नई दिल्ली डिक्लेरेशन को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। ये भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व और वैश्विक दृष्टिकोण को दर्शाता है। ये वैश्विक चुनौतियों पर जी 20 देशों की एकजुटता और प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है। पी 20 सम्मेलन लोकतांत्रिक मुल्यों अंतरराष्ट्रीय संयोग और वैश्विक महत्व के विषयों एंव समकालीन चुनौतियों के समाधान से साझा संसदीय प्रयासों के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। लोकतंत्र हमारी सबसे अमूल्य विरासत है। लोकतंत्र हमारी जीवनशैली, आचार, विचार, व्यवहार में है। एक तरह से ये हमारी संस्कृति और संस्कार में आत्मसात है।