ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले गुपचुप तरीके से नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) जैसी प्रक्रिया को लागू कर रहा है। ओवैसी ने इस कदम को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए दावा किया कि इससे हजारों भारतीय नागरिकों को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा सकता है।
दस्तावेजविहीन लोगों के साथ “क्रूर मजाक”
ओवैसी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि अब मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए नागरिकों को जन्म और जन्मस्थान से जुड़े दस्तावेज देने होंगे, साथ ही माता-पिता के जन्म की जानकारी भी देनी होगी। उन्होंने इसे गरीब और दस्तावेजविहीन लोगों के साथ “क्रूर मजाक” बताया। उन्होंने खासतौर पर सीमांचल क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि वहां बाढ़ और गरीबी से जूझ रहे लोग अपने दस्तावेज जुटा ही नहीं सकते। ऐसे में यह प्रक्रिया उन्हें वोट के अधिकार से दूर करने जैसी है।
कवायद निष्पक्ष तरीके से कैसे हो पाएगी
ओवैसी ने यह भी सवाल उठाया कि जब चुनाव नजदीक हैं तो इतनी बड़ी कवायद निष्पक्ष तरीके से कैसे हो पाएगी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के लाल बाबू हुसैन बनाम चुनाव आयोग मामले का हवाला देते हुए कहा कि पहले से सूची में मौजूद नागरिक को उचित प्रक्रिया के बिना हटाया नहीं जा सकता। वहीं, चुनाव आयोग की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।