ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में कार्यरत 95 आउट सोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने का नोटिस संबंधित कंपनी की ओर से बीती शाम जारी कर दिया गया। शनिवार की सुबह ड्यूटी पर आए कर्मचारियों को प्रशासनिक भवन के प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया गया। सेवा समाप्ति से गुस्साए इन कर्मचारियों ने एम्स परिसर में जमकर हंगामा किया। इस दौरान कुछ अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। प्रशासनिक भवन का एक दरवाजा भी टूट गया। मौके पर पुलिस को बुलाया गया। सूचना पाकर तहसीलदार यहां पहुंची। दोनों पक्षों के बीच वार्ता पर सहमति बनी। सभी कर्मचारी चिकित्सा अधीक्षक के कार्यालय के बाहर धरना देकर बैठे हैं।

एम्स ऋषिकेश में शुक्रवार की शाम करीब पांच बजे आउट सोर्स कंपनी टीडीएस के अंतर्गत काम करने वाले 95 कर्मचारियों की सेवा समाप्ति का नोटिस जारी कर दिया गया। इनमें हास्पिटल अटेंडेंट, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य कर्मचारी शामिल हैं। शनिवार की सुबह करीब नौ बजे जब यह कर्मचारी ड्यूटी पर आए तो उन्हें प्रशासनिक भवन के बाहर ही सुरक्षाकर्मियों की ओर से रोक दिया गया। सेवा समाप्त किए जाने से गुस्साए इन कर्मचारियों ने एड्स निदेशक कार्यालय जाने की मांग की, लेकिन एम्स के सुरक्षा कर्मचारियों ने इन्हें भीतर नहीं जाने दिया। इस बीच दोनों पक्षों में नोकझोंक हुई। भीड़ ने धक्का देकर प्रशासनिक भवन के भीतर एक दरवाजा तोड़ दिया। सभी लोग निदेशक कार्यालय के बाहर लाबी में पहुंच गए। यहां सभी ने एम्स प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

एम्स प्रशासन की ओर से पुलिस को बुला लिया गया। बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा। इस बीच उत्तराखंड जन एकता पार्टी के नेता कनक धनई अपने समर्थकों के साथ निकाले गए कर्मचारियों के समर्थन में यहां पहुंच गए। एम्स परिसर में मौजूद पुलिसकर्मियों ने इन्हें रोका तो दोनों पक्षों के बीच काफी नोकझोंक हुई। प्रशासन की ओर से डीन एकेडमिक डॉ मनोज कुमार गुप्ता व अन्य अधिकारी यहां पहुंचे। उप जिलाधिकारी अपूर्वा पांडे,तहसीलदार अमृता शर्मा एम्स पहुंची। दोनों पक्षों के बीच तय हुआ कि कर्मचारियों की ओर से चार सदस्यों के साथ प्रशासन की मध्यस्थता में एम्स प्रशासन वार्ता करेगा।

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