NEWS : देश के पांच राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मेघालय में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद आज तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए मतदान चल रहा है। इन विधानसभा चुनावों को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है।
विधानसभा चुनावों के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे, जिसके बाद सभी दल अपनी-अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे। इन दलों में से सबसे ज्यादा कांग्रेस पर सबकी नजर रहेगी। विधानसभा चुनावों से पहले ही सियासी गलियारों में चर्चा चल रही थी कि अगर कांग्रेस विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करती है, तो इंडिया गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ना चाहेगी।
इन चर्चाओं ने तब जोर पकड़ा, जब व्यस्त चुनावी मौसम में भी राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड पहुंच गए। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि राहुल गांधी वायनाड और अमेठी, दोनों जगह से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो इंडिया गठबंधन में एक और दरार पड़ना तय है।
NEWS : राहुल का वायनाड दौरा इंडिया गठबंधन में दरार की वजह क्यों
इंडिया गठबंधन में शामिल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी यानी सीपीआई ने सितंबर महीने में राष्ट्रीय नेतृत्व की बैठक में निर्णय लिया था कि राहुल गांधी से केरल के वायनाड से चुनाव न लड़ने का आग्रह किया जाएगा।
दरअसल, केरल में 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए ने राज्य की 20 सीटों में से 19 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा नेतृत्व वाला एनडीए को एक भी सीट नहीं मिली, वहीं सीपीआई केवल एक ही सीट जीत सकी।
यही वजह है कि सीपीआई चाहती है कि राहुल गांधी वायनाड से चुनाव न लड़े ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में सीपीआई को अधिक सीटें मिल सकें। सीपीआई के सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ते हैं, तो यह इंडिया गठबंधन के लिए नुकसानदायक साबित होगा।
NEWS : नुकसान किसी का भी हो, लेकिन कांग्रेस को होगा फायदा
अगर राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ते हैं, तो सीपीआई को नुकसान होना तय है, लेकिन कांग्रेस को हमेशा से ही दक्षिण भारत में सहारा मिलता रहा है। राहुल गांधी ने पिछला लोकसभा चुनाव अमेठी और वायनाड से लड़ा था। अमेठी में बीजेपी की स्मृति ईरानी से राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा था।
राहुल को 413394 वोट मिले, जबकि स्मृति ईरानी को 468514 वोट मिले। हालांकि राहुल को वायनाड की जनता ने जीता दिया। कयास लगाए जा रहे थे कि सीपीआई के अनुरोध पर राहुल गांधी शायद वायनाड सीट को छोड़ दें, लेकिन कांग्रेस ने उस वक्त भी सीपीआई के वायनाड सीट छोड़ने के विचार को आधारहीन बताया था।
अब जिस तरह से राहुल गांधी व्यस्त चुनावी मौसम में भी अपने संसदीय क्षेत्र पहुंच गए हैं, उसे देखकर सीपीआई के साथ ही इंडिया गठबंधन में शामिल कई दलों की भी नींद उड़ना तय है।
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