NEWS : एक नए शोध में दावा किया गया कि प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले जीन के कारण इंसान की जिंदगी छोटी हो सकती है। जीन वंशानुक्रम की मूल इकाई हैं। शोध साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं ने इंसानी डीएनए डेटा के अध्ययन के आधार पर बताया कि ऐसे सैकड़ों उत्परिवर्तन (जीन) हैं जो युवाओं की प्रजनन क्षमता को काफी बढ़ा सकते हैं लेकन बाद में यह शरीर को नुकसान भी पहुंचाते हैं।
यह शोध अमरीकी विकासवादी जीव विज्ञानी जॉर्ज विलियम्स के 1957 के उस सिद्धांत की पुष्टि करता है जिसमें कहा गया था कि आनुवंशिक उत्परिवर्तन, जो किसी जानवर की प्रजनन क्षमता बढ़ाते हैं, वे उसे नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने यह चेतावनी दी कि कई पीढ़ियों के बाद ये उत्परिवर्तन बोझ बन जाएंगे। बढ़ती प्रजनन क्षमता के साथ ये उस प्रजाति को जल्द अंत की ओर ले जाएंगे। शोधकर्ता डॉ. एर्पिंग लॉन्ग का कहना है कि हालांकि प्रजनन के लिए उत्परिवर्तन से उम्र घटने का खतरा रहता है लेकिन बेहतर भोजन और दवाओं से इसका प्रभाव कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
NEWS : 5 लाख लोगों के डीएनए डेटा का अध्ययन
मिशिगन यूनिवर्सिटी के विकासवादी जीव विज्ञानी जियानझी झांग ने ब्रिटेन के बायोबैंक में मौजूद पांच लाख ब्रिटिश नागरिकों के डीएनए डेटा का अध्ययन किया।
उन्होंने पता लगाया कि इन लोगों के स्वास्थ्य, जीवन, प्रजनन क्षमता के बीच क्या संबंध हैं। उन्होंने कहा कि प्रजनन के लिए जो उत्परिवर्तन अच्छा होता है, दीर्घायु के लिए उसके खराब होने की आशंका पांच गुना ज्यादा रहती है।
NEWS : अंगों की उम्र बढ़ने की दर अलग-अलग
नेचर जर्नल में प्रकाशित एक अन्य शोध के मुताबिक हमारे अंगों की उम्र बढऩे की दर अलग-अलग होती है। शोधधकर्ताओं ने हृदय, गुर्दे, यकृत और फेफड़ों समेत 11 प्रमुख अंगों के बीच उम्र बढ़ने के अंतर को समझने के लिए मशीन लर्निंग मॉडल के जरिए विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि कुछ प्रमुख अंगों की उम्र तेजी से बढ़ने से मृत्यु का खतरा 20-25 फीसदी बढ़ जाता है।
Also Read : NEWS : फोटो में कपड़े उतारने के लिए AI का इस्तेमाल कर लोगों ने की सारी हदें पार