NEWS : असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने बुधवार बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के 31 जिलों के 1281 मदरसों को हमेशा के लिए बंद कर दिया। इसके लिए सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर उन्हें राज्य शिक्षा बोर्ड के तहत नियमित स्कूलों में बदल दिया है।
असम सरकार ने जनवरी 2021 में कानून पारित किया था, जिसमें राज्य के सभी सरकारी मदरसों को नियमित स्कूलों में बदलने का निर्णय लिया था।
इससे निजी मदरसों को छोड़कर 731 मदरसे और अरबी कॉलेज प्रभावित हुए जो माध्यमिक शिक्षा बोर्ड असम (SEBA), असम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद (AHSEC) और राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अधीन थे।
NEWS : हम स्कूल कॉलेज चाहते हैं न कि इस्लामी धार्मिक संस्थान- सरमा
बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस साल मार्च में कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि उनकी सरकार सभी मदरसों को बंद करने का इरादा रखती है और अभी तक असम में 600 मदरसों को बंद कर दिया गया है।
उन्होंने यह भी दावा किया था कि जल्द ही राज्य के सभी मदरसे बंद हो जाएंगे। वह सूबे में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय चाहते हैं न कि इस्लामी धार्मिक संस्थान।
वहीं, बांग्लादेशी शरणार्थियों के मुद्दे पर उन्होंने कहा था कि वो वोग बांग्लादेश से असम आते हैं और हमारी सभ्यता और संस्कृति के लिए खतरा पैदा करते हैं।
NEWS : शिक्षा मंत्री ने एक्स पर दी जानकारी
वहीं, राज्य के शिक्षा मंत्री रनोज पेगु ने बुधवार को एक्स पर जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने आदेश जारी किया है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड असम (एसईबीए) के तहत सभी सरकारी और प्रांतीय मदरसों को सामान्य स्कूलों में परिवर्तित करने के परिणामस्वरूप स्कूल शिक्षा विभाग ने 1281 मदरसों के नाम बदलकर मिडिल इंग्लिश (एमई) स्कूल कर दिया है।
राज्य सरकार की मंजूरी के अनुसार, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के तहत 1281 मदरसों का नामकरण तत्काल प्रभाव से एमई स्कूल के रूप में जाना जाएगा।
वहीं, 7 दिसंबर को सरमा ने कहा कि 2020 में असम सरकार ने सभी सरकारी और प्रांतीय मदरसों को खत्म करने और उन्हें नियमित स्कूलों में तब्दील करने का एक परिवर्तनकारी निर्णय लिया। इसके परिणामस्वरूप पूर्व मदरसा प्रणाली के 3,748 छात्रों ने 2023 में हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (मैट्रिकुलेशन) परीक्षा दी।
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