देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि *जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार* शिविरों में किसी भी प्रकार की लापरवाही, टालमटोल या उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालय से इस अभियान की समीक्षा करते हुए स्पष्ट किया कि आम लोगों की शिकायतों और आवेदनों का निस्तारण केवल कागजी औपचारिकता तक सीमित न रहे, बल्कि वास्तविक, प्रभावी और संतोषजनक हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो दिव्यांग, वृद्ध या कमजोर वर्ग के लाभार्थी किसी कारणवश शिविरों में नहीं पहुंच पा रहे हैं, उनके घर जाकर समस्याओं का समाधान किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में फीडबैक आधारित समीक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन की वास्तविक स्थिति सामने आ सके। सीएम धामी ने दो टूक कहा कि जनसेवा में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक प्रदेशभर में 126 शिविरों का आयोजन किया जा चुका है, जिनमें 64,960 लोगों ने भाग लिया। इन शिविरों के दौरान कुल 10,962 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 7,952 का निस्तारण कर दिया गया है। इसके अलावा 12,399 मामलों में विभिन्न प्रमाण पत्र एवं सरकारी लाभ प्रदान किए गए हैं, जबकि अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से 39,923 लोगों को लाभान्वित किया गया है।
सीएम धामी ने कहा कि सरकार का संकल्प स्पष्ट है—जनता को सरकारी कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। सरकार स्वयं जनता के द्वार तक पहुंचेगी। उनका लक्ष्य है कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक भी सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ पारदर्शिता, गरिमा और बिना किसी बाधा के पहुंचे।
