शंखनाद INDIA/नई दिल्ली-: आजकल सोशल मीडिया में फेसबुक आईडी हैक होना एक चिंता का विषय बन गया है। फेसबुक आईडी हैककर उनके दोस्तों से पैसे मांगने का काम किया जा रहा हैऔर बहाना भी इस तरह की मुझे बहुत आवश्यक है, दूसरे के खाते से पैसे मांगने का सिलसिला जारी है आम आदमी दोस्ती में गलती से दूसरे के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर भी कर देता है।

जिन लोगों को पता नहीं होता है वह पैसा किस के खाते में भेज रहा है।हो सकता है आपकी आईडी हैक हो गई हो? उनके लिए एक अच्छी खबर है अगर आपके बैंक से पैसा निकाला जाता है तो इसके लिए बैंक प्रबंधन जिम्मेदार होता है सोशल मीडिया के इस युग में जहां आम आदमी डिजिटल बैंकिंग सेवा का उपयोग कर रहा है वही लोगों को इस बात का भी पता नहीं है कि इस तरह के फ्रॉड हो ना आम बात हो गई है जहां पुलिस सोशल अपराध को रोकने के लिए तेजी से काम कर रही है लेकिन वही आम लोगों को भी इसके बारे में सचेत होना होगा।

अगर किसी व्यक्ति के बैंक खाते से किसी हैकर द्वारा या किसी अन्य कारण से पैसे निकाल कर। धोखाधड़ी की जाती है और इसमें ग्राहक की लापरवाही नहीं है। ऐसे मामले में बैंक प्रबंधन जिम्मेदार है। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने इस संदर्भ में एक अहम फैसला सुनाया है।

आयोग के जज सी विश्वनाथ ने क्रेडिट आईडी की हैकिंग की वजह से एक एनआरआई महिला से हुई धोखाधड़ी के मामले में बैंक प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। आयोग ने एचडीएफसी बैंक द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए आदेश दिया है कि पीड़ित महिला को 6110 अमेरिकी डालर। (तकरीवन 4.46 लाख रुपए) 12 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस लौटाए। आयोग ने बैंक प्रवंधन को निर्देश दिया है कि वह पीड़िता था।

महिला का दावा है कि उसके । को मानसिक प्रताड़ना के मुआवजे खाते से पैसे किसी हैकर ने निकाले के तौर पर 40 हजार रुपए और हैं और बैंक के इलेक्ट्रानिक बैकिग। केस खर्च के 5 हजार रुपए भी दे। सिस्टम में खामी है। आयोग ने आयोग के जज सी विश्वनाथ ने कहा कि आज के डिजिटल युग में अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि क्रेडिट कार्ड की हैकिंग की संभावना बैंक ऐसा कोई सबूत पेश नहीं कर से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे पाया कि पीड़ुता महिला का क्रेडिट में खाते से रुपए निकाले जाने के कार्ड किसी अन्य ने चोरी कर लिया मामले में बैंक प्रबंधन जिम्मेदार है।

खाते में जमा राशि की सुरक्षा बैंक की जिम्मेदारी में आएगी ने फैसले में सुप्रीम कोर्ट द्वादा दिए गए एक पू्म में दिए सैसेले का हवाला देते हुए कहा कि पहला मूल प्रश्न यह है कि क्या बैंक को किसी व्यक्ति (खाताधारक को छोड़कर) के कारण या खाते से हुई अवैध निकासी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

इसका जवाब हां में है। अगर बैंक किसी का खाता खोलता है तो बैंक, व्यक्ति की धनराशि की सुरक्षा करने के लिए जिम्मेदार होता है। किसी। भी प्रणालीगत विफलता, चाहे वह उनकी ओर से हो या किसी अन्य की ओर से, (खाताधारक को छोड़ कर) ग्राहक जिम्मेदार नहीं है। बल्कि बैंक प्रबंधन जिम्मेदार है। इसलिए मौजूदा मामले में भी महिला के खाते से अवैध रूप से रुपयों के निकालने व धोखाधड़ी के मामले में ग्राहक के नुकसान की भरपाई बैंक को ही करनी होगी।

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× हमारे साथ Whatsapp पर जुड़ें