अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से आयातित वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने के फैसले ने दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ा दिया है। यह कदम भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीद जारी रखने को लेकर अमेरिका की नाराजगी के रूप में सामने आया है। नए शुल्क के लागू होने के बाद अब भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले उत्पादों पर कुल 50% टैरिफ लगना शुरू हो गया है। यह आदेश 7 अगस्त से प्रभावी हो चुका है।

इस घटनाक्रम के बाद देश की राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए मोदी सरकार की विदेश नीति को “कमजोर और दिशाहीन” करार दिया है।

“विदेश नीति की विफलता है यह टैक्स फैसला” — खरगे का मोदी सरकार पर हमला

खरगे ने कहा कि अमेरिका का यह रुख ऐसे वक्त में सामने आया है जब भारत की कूटनीतिक स्थिति स्पष्ट नहीं है और सरकार दबाव में नजर आ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका से व्यापार समझौता करने में नाकाम रहे हैं और अब भारत को आर्थिक मोर्चे पर बड़ा झटका झेलना पड़ रहा है।

मोदी की चुप्पी पर कांग्रेस का सवाल

खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी इस गंभीर मसले पर अब तक चुप क्यों हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इस बार सरकार अपनी विफलता का ठीकरा 70 साल पुरानी कांग्रेस सरकारों पर नहीं फोड़ सकती। उन्होंने यह भी दावा किया कि केंद्र सरकार बीते छह महीने से अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौते पर कोई ठोस प्रगति नहीं कर पाई।

ट्रंप की चेतावनी और पुरानी बयानबाज़ी का जिक्र

खरगे ने ट्रंप के पूर्व बयानों को याद दिलाते हुए कहा कि 2024 में उन्होंने BRICS को ‘मृत गठबंधन’ बताया था और 100% टैरिफ की धमकी भी दी थी। अब जब उन्होंने 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने का आदेश जारी कर दिया है, तब भी मोदी सरकार पूरी तरह चुप्पी साधे बैठी है।

भारतीय उद्योगों पर पड़ेगा भारी आर्थिक असर

कांग्रेस अध्यक्ष ने इस फैसले के आर्थिक प्रभावों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में भारत ने अमेरिका को करीब ₹7.51 लाख करोड़ का निर्यात किया था। 50% टैरिफ के चलते देश पर ₹3.75 लाख करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है। इस फैसले का सबसे ज्यादा असर कृषि, एमएसएमई,