गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर में दो दिवसी भ्रमण के दौरान सुबे के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने वार मेमोरियल पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वो गढ़वाल राइफल्स के म्यूजियम का अवलोकन किया और वहाँ प्रदर्शित वीर सैनिकों के शौर्य और बलिदान की गाथाओं को नमन किया।

मंत्री गणेश जोशी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

सैनिक कल्याण मंत्री 1976 को आर्मी में भर्ती हुए और 14वीं गढ़वाल राइफल्स की डेल्टा कम्पनी की यादों को ताजा करने के लिए उन्होंने डेल्टा कम्पनी के बैरिक और मैस का दौरा किया। जहां पर सैनिक कल्याण मंत्री ने जवानों के साथ भोजन किया और बैरिक जाकर सैन्य अधिकारियों से विस्तार से जानकारी ली।

इस दौरान उन्होंने रिकॉर्ड कक्ष का निरीक्षण भी किया, जहां अपना नाम देखकर उनकी पुरानी सैन्य सेवाओं की यादें ताजा की। इसके अलावा उन्होंने हथियारों के प्रशिक्षण केंद्र का अवलोकन भी किया। इस दौरान उन्होंने भुल्ली सशक्तिकरण केंद्र का भी दौरा किया, जहाँ सैन्य अधिकारियों और सैनिकों के परिवार द्वारा तैयार किए गए उत्पादों का अवलोकन किया। इसके साथ ही सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कोटद्वार में सूबेदार मेजर शैलेन्द्र मोहन बिष्ट से भी भेंट की। इस दौरान उन्होंने कोटद्वार स्थित छावनी परिषद का भी अवलोकन किया और परिषद से जुड़ी व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की।

सरकार लगातार सैनिकों व पूर्व सैनिकों के लिए कर रही है काम

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि यहीं से उन्होंने 13 नवम्बर 1976 को एक राईफलमैन के एक रूप में भारतीय सेना में ज्वाइन हुए थे। उन्होंने कहा कि गढ़वाल राइफल्स का इतिहास शौर्य, पराक्रम और अनुशासन का प्रतीक है। देवभूमि उत्तराखंड सदैव से देशभक्ति और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना से ओत-प्रोत रही है।

यहां के वीर सैनिकों ने अपने अदम्य साहस और बलिदान से देश का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सैनिकों, शहीदों के परिजनों और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। मंत्री ने उपस्थित सैन्य अधिकारियों का आभार जताते हुए कहा कि शौर्यभूमि लैंसडाउन का हर पत्थर गढ़वाल राइफल्स की गौरवशाली परंपरा की गाथा कहता है।