सभी सिविक एजेंसियों के साथ सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने के निर्देश 

ऐजेंसियां किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए सतर्क 

तेज की गई ब्लैकआउट की तैयारियां 

दिल्ली- एनसीआर। जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का असर देशभर में देखने को मिल रहा है, जहां एक ओर मॉक ड्रिल की जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर ब्लैकऑउट किया जा रहा है। दिल्ली से लेकर गाजियाबाद तक में ब्लैकआउट किया गया है। बता दें कि  ग्रेटर नोएडा में ग्रेनो वेस्ट की इको विलेज वन सोसाइटी में ब्लैकआउट किया गया। वहीं पलवल में ब्लैकआउट से पहले ही नेशनल हाइवे पर लगीं तिरंगा लाइट्स बंद कर दी गईं। उधर, गाजियाबाद में एनएच-नौ स्थित गोल्फ लिंक सोसायटी में भी ब्लैकआउट किया गया।

जानिए क्या है ब्लैकआउट

ब्लैकआउट युद्ध या युद्ध जैसी स्थितियों के दौरान रणनीतिक युद्धाभ्यास होते हैं। प्रमुख शहर, विशेष रूप से सीमा के बहुत करीब, और रणनीतिक स्थान जैसे बिजली संयंत्र, बांध, सरकारी और रक्षा भवन आदि, दुश्मन के हमले से खुद को बचाने के लिए रात के दौरान पूर्ण ब्लैकआउट करते हैं।

ब्लैकआउट के दौरान इस तरह से करें बचाव

– अधिकारियों के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छिपाने के तरीके को देखें और जानें ताकि इसका महत्व समझ सकें। अभ्यास करने वाले अधिकारियों के लिए सुगम पहुंच सुनिश्चित करके उनका समर्थन करें।
– निकासी मार्गों का अध्ययन करें और निकटतम आश्रय या सुरक्षित क्षेत्र की पहचान करें।
– बताए गए रास्तों का उपयोग सही से करें।
– यदि आवश्यक हो तो बुजुर्गों या विकलांग व्यक्तियों की सहायता करें।
– शांत रहें और अधिकारियों या मार्शलों के निर्देशों को सुनें।

ब्लैकआउट के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
-कृपया अपने घरों में रहें
– सभी स्थान की लाइट बंद कर दें
– अफरा-तफरी ना मचाएं
– धूम्रपान ना करें
– कोई माचिस, मोबाइल, टार्च या फ्लैश लाइट ना जलाएं
– किसी प्रतिष्ठान की खिड़की से प्रकाश बाहर निकलता दिखे तो उस स्थान पर काला कागज लगाएं
– सड़क पर चलने वाले वाहनों की लाइट बंद करें, जो जहां हो वहीं रुक जाएं
इस तरह से समझे सायरन कोर्ड
पहला सायरन- खतरे का अलर्ट, सतर्क हो जाएं
दूसरा सायरन: तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं
तीसरा सायरन: खतरा टला, लेकिन सावधानी बरतें।