शंखनाद INDIA/ देहरादून
देहरादून में व्यापारियों ने 10 साल तक टैक्स के विरोध में आज एक बैठक का आयोजन किया| इस दौरान उन्होंने सरकार से व्यापारी लोगों पर 10 सालों तक किसी भी प्रकार का टैक्स न लगाए जाने की अपील की| दरअसल, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साल 2018 में प्रदेश के व्यापारियों को भवन कर में छूट देकर राहत दी थी| मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की थी कि नगर निगम क्षेत्रों में शामिल किये जा रहे 40 वार्डों में किसी भी प्रकार का भवन कर/टैक्स नहीं लिया जाएगा| लेकिन साल 2019 में मुख्यमंत्री द्वारा जारी की गई इस घोषणा में संशोधन कर इसका वर्गीकरण कर दिया गया|
इसमें कहा गया कि भवन टैक्स से छूट केवल आवासीय भवनों को ही दी जा रही है, लेकिन घोषणा करते हुए पूरी तरह से नए क्षेत्रों को करों से छूट दे दी गई थी, जो कि तत्कालीन समाचार पत्रों और विभिन्न माध्यमों से खूब प्रचारित प्रसारित किया गया था| लेकिन वर्तमान में कोरोनाकाल खण्ड का वित्तीय वर्ष 2019-2010 और वित्तीय वर्ष 2020-2021(मार्च) तक का टैक्स जमा करने को लेकर व्यापारियों पर दबाव बनाया जा रहा है| व्यापारियों का कहना है कि कोरोनाकाल में सभी व्यापारियों को वित्तीय संकट से जूझना पड़ रहा है ऐसे में वो व्यापार भवन का टैक्स देने में सक्षम नहीं है|
व्यापारियों का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकारों में भी नगर निगम क्षेत्रों का सीमा विस्तार किया गया था| देहरादून वार्डों की संख्या 40 से 60 हुई थी लेकिन उसमें भी 20 वार्डों में 10 सालों तक किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लिया गया था| ऐसे में सभी व्यापारियों ने सरकार से 10 साल तक टैक्स न लेने की अपील की है| इसके साथ ही बैठक में व्यापारियों ने कहा है कि अगर सरकार की तरफ से उनकी इस मांग को नहीं माना गया तो सभी व्यापारीजन इस फैसले के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन और उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे|