देहरादून। मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने प्राधिकरण क्षेत्र में अवैध निर्माणों के खिलाफ सख़्त रुख अपनाते हुए सहस्त्रधारा रोड क्षेत्र में दो बड़े निर्माणों को सील कर दिया है। यह कार्रवाई बिना स्वीकृति तथा स्वीकृत मानचित्र के विपरीत किए जा रहे निर्माण कार्यों पर की गई। एमडीडीए ने स्पष्ट किया है कि शहरी नियोजन, जनसुरक्षा और सुनियोजित विकास से किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्राधिकरण द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान सहस्त्रधारा रोड क्षेत्र में भवन निर्माण नियमों का उल्लंघन कर किए जा रहे निर्माण सामने आए। नियमानुसार संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए गए और निर्धारित प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीलिंग की कार्रवाई अमल में लाई गई।

कार्रवाई के अंतर्गत कैलाशवीर सिंह द्वारा गंगा इन्क्लेव, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून में किए गए अवैध बहुमंज़िला निर्माण को सील किया गया। इसके साथ ही भरत सिंह द्वारा कुलहान, सहस्त्रधारा रोड क्षेत्र में किए गए अवैध व्यवसायिक निर्माण पर भी एमडीडीए ने सीलिंग की कार्रवाई की।

एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि अवैध निर्माण शहर की आधारभूत संरचना, यातायात व्यवस्था, पर्यावरण संतुलन और आपदा प्रबंधन के लिए गंभीर चुनौती बनते हैं। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण का उद्देश्य केवल दंडात्मक कार्रवाई करना नहीं, बल्कि नियोजित और नियमबद्ध विकास सुनिश्चित करना है। बावजूद इसके, यदि कोई व्यक्ति नियमों की अनदेखी करता है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले समय में अवैध निर्माणों के खिलाफ अभियान को और अधिक तेज किया जाएगा।

एमडीडीए सचिव मोहन सिंह बर्निया ने बताया कि सहस्त्रधारा रोड क्षेत्र में की गई यह कार्रवाई पूरी तरह नियमानुसार और सक्षम प्राधिकारी के निर्देशों के अनुरूप की गई है। उन्होंने आम नागरिकों, भवन स्वामियों और डेवलपर्स से अपील की कि किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य शुरू करने से पहले मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण से आवश्यक अनुमति अवश्य प्राप्त करें।

सीलिंग की यह कार्रवाई संयुक्त सचिव गौरव चटवाल के आदेशों के अनुपालन में सहायक अभियंता शैलेन्द्र सिंह रावत, अवर अभियंता गौरव तोमर, संबंधित सुपरवाइज़र और पुलिस बल की मौजूदगी में शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न की गई। एमडीडीए ने दोहराया कि अवैध निर्माणों के खिलाफ यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा।

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