शंखनाद इंडिया/ अल्मोड़ा :- मल्ला महल को लेकर आंदोलित सांस्कृतिक ऐतिहासिक धरोहर बचाओ संघर्ष समिति ने प्रशासन द्वारा गुरुवार को की गई गिरफ्तारी की कार्रवाई के बाद अब जिला प्रशासन पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने का आरोप लगाया है। समिति के सदस्यों ने मांग की है कि जिलाधिकारी का यहां से स्थानांतरण किया जाए और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच भी कराई जाए।

शुक्रवार को पालिका परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर समिति नियमों का पालन करते हुए धरना दे रही थी। लेकिन जिला प्रशासन ने द्वेष की भावना से धरने का रोकने का प्रयास किया और समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों को गिरफ्तार किया। जोशी ने कहा है कि समिति कलक्ट्रेट परिसर में संरक्षण के कार्यों का विरोध नहीं कर रही है। बल्कि संरक्षण कार्य में हो रही मनमानी का विरोध किया जा रहा है उन्होंने कहा कि कलक्ट्रेट परिसर पांच सौ साल पुराना है और वहां प्राचीन रामशिला मंदिर नगर की धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है।

ऐसी धरोहरों में अवैज्ञानिक तरीके से व यहां के लोगों को विश्वास में लिए बिना कार्य कराना उचित नहीं है। अधिवक्ता और उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि जिला प्रशासन ने नियमों का ताक पर रखकर धरना देने आए लोगों की गिरफ्तारी की गई। उन्होंने कहा कि अगर कलक्ट्रेट परिसर में धारा 144 लागू थी तो नियमानुसार कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

उन्होंने कहा कि प्रशासन मल्ला महल को लेकर उठ रही आवाज को दबाने का षडयंत्र कर रहा है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तिवारी ने मांग उठाई है कि जिलाधिकारी का यहां से तत्काल स्थानांतरण किया जाए और उनके कार्यकाल में हुए सभी कार्यों की जांच भी कराई जाए। इस मौके पर सालम समिति के अध्यक्ष राजेंद्र रावत समेत समिति के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।

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