ऋषिकेश। गंगा की सहायक नदी चंद्रभागा में दशकों से बसे अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर निगम ने शनिवार को कड़ी कार्रवाई की। दोपहर करीब 12 बजे निगम की टीम जेसीबी लेकर मौके पर पहुंची तो इलाके में अफरा-तफरी मच गई। करीब पांच दर्जन झुग्गी-झोपड़ियों को बिना अतिरिक्त मोहलत दिए ध्वस्त कर दिया गया। अचानक हुई कार्रवाई के चलते लोग सामान सुरक्षित निकालने की कोशिश में बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक दौड़ते रहे, लेकिन कई परिवार अपना सामान नहीं बचा सके।
एक जेसीबी पर्याप्त न पड़ने पर निगम ने दूसरी मशीन भी मंगवाई और शाम चार बजे तक पूरे क्षेत्र को खाली करा दिया। कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों ने नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल से बहस भी की, लेकिन पुलिस बल की मौजूदगी में कोई प्रभाव नहीं पड़ा। निगम की यह कार्रवाई नमामि गंगे परियोजना के कार्यक्रम निदेशक विशाल मिश्रा की हालिया नाराजगी के बाद तेज हुई। उन्होंने शुक्रवार को निरीक्षण के दौरान नदी में गंदगी और अतिक्रमण पर सवाल उठाए थे।
सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट ने बताया कि बार-बार चेतावनी के बावजूद अतिक्रमण फिर बस जाता है, इसलिए झोपड़ियों को हटाना मजबूरी है। दोबारा अतिक्रमण करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की गई है। टीम में नायब तहसीलदार जाहिद हसन, सहायक नगर आयुक्त अमन कुमार, एसआई विनेश कुमार, सफाई निरीक्षक अमित नेगी और सुभाष सेमवाल शामिल रहे।
सर्द मौसम में आशियाना छिनने से झुग्गीवासियों की स्थिति दयनीय है। हालांकि यह अतिक्रमण वर्षों पुराना है, लेकिन अब तक बेघर परिवारों के पुनर्वास की कोई ठोस व्यवस्था नहीं हो सकी है, जिसके चलते वे बार-बार नदी किनारे लौट आते हैं।
इसी बीच विकासनगर के हरबर्टपुर क्षेत्र में रामबाग और सोनिया बस्ती के अतिक्रमण नोटिसों पर पालिकाध्यक्ष नीरू देवी ने ही यू-टर्न लेते हुए लोगों को जमीन पर मालिकाना हक दिलाने का आश्वासन दिया है, जिससे रविवार से प्रस्तावित ध्वस्तीकरण को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है।
कार्रवाई के दौरान स्थानीय पार्षद अजय दास ने 16 ऐसे लोगों की सूची भी सामने रखी जिनके पास पक्के मकान होने के बावजूद वे नदी में झोपड़ियां डालकर बैठे हैं। इस पर नगर आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि अतिक्रमण किसी का भी हो, हटाया जाएगा।
