कल्प क्षेत्र में माना जाता है भगवान शिव और भगवान विष्णु का वास
लक्ष्मण सिंह नेगी /

उत्तराखंड को वैसे देव भूमि के नाम से यूं ही नहीं जाना जाता है। यहां सैकड़ों धार्मिक तीर्थाटन के महत्वपूर्ण स्थान है इन स्थानों में पंचबद्री, पंचकेदार, पंचप्रयाग, महत्वपूर्ण स्थान है, इन स्थानों के अलावा लोकपाल है हेमकुंड साहिब एवं टिहरी जिले मे नागराजा मंदिर,कुमाऊ में जागेश्वर धाम, अल्मोड़ा में नंदा देवी मंदिर, और विश्व प्रसिद्ध धार्मिक यात्रा में नंदा देवी राज जात एवं लोग जात यात्रा मार्ग वार्षिक लोकजात यात्रा नंदी कुंड,फ्यूंला नारायण लोकजात यात्रा के अलावा अन्य महत्वपूर्ण स्थान है।
हम बात कर रहे हैं पंचम केदार कलपेवर महादेव एवं फ्यूंला नारायण विष्णु मंदिर के बारे में, यह स्थान समुद्र तल से 2020 मीटर की ऊंचाई पर श्री कल्पेश्वर मंदिर है कल्प गंगा के बायें तट पर भर्की गांव के नीचे यह स्थान है। जो चमोली जिले के जोशीमठ के उर्गम भरकी घाटी में स्थित हैं।

प्रकृति का अति सुंदर स्थान जिसे भगवान शंकर ने भी अपनी क्रीड़ा स्थली और निवास स्थान बनाया था। वैसे तो उर्गम घाटी में 12 गांव है 12 गांव को मिलाकर उर्गम घाटी कहलाती है। इसी घाटी में प्रसिद्ध फ्यूंला नारायण विष्णु का मंदिर है जो अति प्राचीन है। समुद्र तल से 10,000 फीट ऊंचाई पर स्थित यहां श्रावण संक्रांति के दिन नारायण के कपाट खोले जाते है। यहां आज भी वैदिक परंपरा के अनुसार पूजा पाठ किया जाता है यह अकेला ऐसा विष्णु मंदिर है जहां महिला पुजारी और पुरुष पुजारी पूजा करते हैं।

यहां पर परंपरागत गढवाल का सत्तू,वाडी,घी,मक्खन का भोग लगता है। यहां विष्णु जी की दक्षिण शैली मैं मूर्ति विराजमान है, साथ महालक्ष्मी और जय विजय द्वारपालों की मूर्ति विराजमान हैं। यहां भगवान विष्णु की पूजा के अलावा नंदा सवनुल देवी, भूमियाल घंटा करण जाख देवता वन देवियों की पूजा की जाती है। यहां पर वरुण देवता की भी पूजा का विधान है। यहां भगवान नारायण का कपाट बंद का कार्यक्रम नंदा समिति 9वी तिथि को किया जाता है। नारायण के कपाट बद होंने के बाद 9 महीने पूजा भर्की गांव में होती है।

श्री कल्पेश्वर धाम मैं शिव की जटा की पूजा होती है और यह पंच केदार का अकेला मंदिर है जो वर्ष भर खुला रहता है और यहां शिवरात्रि महापर्व भी मनाया जाता है। यहां पहुंचने के लिए आप ऋषिकेश से बस कार जीप मोटरसाइकिल से यहां आ सकते हैं कल्पेशर मंदिर तक वर्तमान में टैक्सी का संचालन होता है। ऋषिकेश से कल्पेशर मंदिर 250 किलोमीटर दूरी पर है। और यहां से फ्यूंला नारायण मंदिर भर्की गांव से चार किलोमीटर पैदल दूरी पर स्थित है। यात्रियों की सुविधा के लिए यात्रा के लिए गाइड एवं पोर्टर गांव में उपलब्ध हो जाते हैं।