देहरादून: उत्तराखंड में सहकारिता समितियों के चुनाव में बड़ा बदलाव किया गया है। प्रदेश में पहले 21 और 22 नवंबर को होने वाले सहकारिता समितियों के चुनाव अब 16 और 17 दिसंबर को आयोजित किए जाएंगे। यह निर्णय केदारनाथ उपचुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण के अध्यक्ष ने आदेश जारी कर इस तारीख में बदलाव की जानकारी दी। इसके अनुसार, 16 और 17 दिसंबर को सहकारिता समितियों के चुनाव संपन्न होंगे। इस बदलाव के बाद अब प्रदेशभर में सहकारिता चुनावों को लेकर माहौल में हलचल मच गई है, और चुनावी सरगर्मियां तेज़ हो गई हैं।

सहकारिता चुनावों को लेकर मिली नई जानकारी के मुताबिक, केदारनाथ उपचुनाव को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस उपचुनाव के कारण सहकारिता समितियों के चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ाना पड़ा। प्रदेश में केदारनाथ उपचुनाव के लिए पहले से ही तैयारियां जोरों पर हैं, और अब दोनों चुनाव एक ही समय में नहीं हो सकेंगे।

सहकारिता चुनावों की तारीखों में बदलाव के बाद राज्य के राजनीतिक हलकों में बवंडर मच गया है। कई राजनीतिक दल और उम्मीदवार अब अपनी रणनीतियों में बदलाव करने को मजबूर हो गए हैं। सहकारिता चुनाव, जो राज्य के ग्रामीण और सहकारी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, का चुनावी महत्व बहुत बड़ा होता है।

16 और 17 दिसंबर को होने वाले मतदान के दौरान उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के बीच तीव्र मुकाबला देखने को मिलेगा। हालांकि, तारीखों में बदलाव से कुछ मतदाता और उम्मीदवार असमंजस में हैं, लेकिन निर्वाचन प्राधिकरण ने साफ कर दिया है कि इस बदलाव से चुनावी प्रक्रिया में कोई भी दिक्कत नहीं आएगी।

प्रदेशवासियों और राजनीतिक दलों की निगाहें अब 16 और 17 दिसंबर को होने वाले सहकारिता चुनाव पर टिकी हुई हैं, जहां एक ओर जहां केदारनाथ उपचुनाव के नतीजे अहम होंगे, वहीं सहकारिता समितियों के चुनाव भी राज्य की सियासत के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकते हैं।

चुनाव की तारीखों में बदलाव के बाद सभी दल और उम्मीदवार अब अपनी रणनीतियों में बदलाव कर रहे हैं। पार्टी नेता और उम्मीदवार जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए नए सिरे से चुनावी प्रचार में जुट गए हैं।