शंखनाद_INDIA/नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच 50 हजार सैनिकों को सीमा पर भेजा है। भारत ने पिछले कुछ महीनों में चीनी सीमा से सटे तीन अलग-अलग इलाकों में सैन्य टुकड़ियों और युद्धक विमानों को तैनात किया है। ड्रैगन की विस्तारवादी नीति पर लगाम कसने और चीन सीमा पर कड़ी निगरानी के लिए भारत ने करीब दो लाख सैनिकों को तैनात कर किया है, जो पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी ज्यादा है।   ब्लूमबर्ग ने चार अलग-अलग सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, LAC पर भारत ने 50 हजार सैनिकों को भेजा है। साथ ही लड़ाकू विमानों को भी अलर्ट पर रखा है। हालांकि, भारतीय सेना और प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने इस संबंध में पूछे गए सवाल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

भारत और चीन के बीच वर्ष 1962 में दो युद्ध हुए थे। फिर भी भारत ने रणनीतिक लिहाज से पाकिस्तान को ज्यादा तवज्जो दी क्योंकि कश्मीर 1947 से ही दोनों देशों के बीच बेहद संवेदनशील मुद्दा बना रहा है। हालांकि, जब पिछले वर्ष 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने धोखे से भारतीय सैनिकों पर हमला बोल दिया, तब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ—साथ चीन सीमा पर भी निगरानी तेज कर दी।  इस वार्ता से एक सप्ताह पहले अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय इलाके में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की कोशिश के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच नोकझोंक हुई, लेकिन कमांडरों ने बातचीत करके टकराव को टाल दिया था। कुल मिलाकर सीमा विवाद को लेकर चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक तरफ वह वार्ता का नाटक करता है, जबकि दूसरी तरफ अपनी ओर से घुसपैठ की घटनाओं को भी अंजाम देता है। घुसपैठ की एक हालिया घटना उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर से लगी सीमा की है। बीते दिनों इस इलाके में चीन के करीब 100 सैनिक एलएसी को पार करके पांच किमी अंदर तक घुस आए और करीब तीन घंटे तक वहां रहे। ये चीनी सैनिक घोड़ों पर सवार होकर इस इलाके में आए और लौटने से पहले एक पुल तथा कुछ अन्य आधारभूत ढांचे को भी तोड़ गए।

भारत ने हाट स्प्रिंग इलाके से लेकर देपसांग और डेमचोक से चीन को वापस जाने को कहा, मगर चीन इसके लिए तैयार नहीं हुआ। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि तनातनी का दौर अभी जारी रहेगा। दरअसल दोनों देशों के बीच हाल में हुई कोर कमांडर वार्ता से पहले ही चीन की हरकतों ने यह संदेश दे दिया था कि वह LAC पर तनाव खत्म करना नहीं चाहता है।

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